INDIA ने चीन को विदेशी निवेश में पछाड़ा, भारत के प्रति विश्वास बढ़ा

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 07 दिसम्बर 2018, 3:35 PM (IST)

नई दिल्ली। यह साल विदेशी निवेश के मामले में चीन की तुलना में भारत के लिए बहुत अच्छा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण एशियाई देशों में चीन के मुकाबले भारत में लगभग दो दशक के बाद अधिक निवेश हो रहा है। ग्लोबल फाइनेंशियल कंटेंट कंसल्टिंग कंपनी डियालॉजिक के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष में विदेशी कंपनियों ने अब तक 38 बिलियन डॉलर का निवेश भारत में करते हुए भारतीय कम्पनियों में हिस्सेदारी प्राप्त की है। इस वर्ष चीन में विदेशी कंपनियों में महज 32 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।

भारत में विदेशी कंपनियों का यह निवेश उपभोक्ता और रिटेल क्षेत्र में पाया गया है। उल्लेख है कि इस सप्ताह भारतीय कम्पनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने नेस्ले को पछाड़ते हुए इंग्लैंड की फार्मा दिग्गज कंपनी गैल्कसोस्मिथक्लाइ (जीएसके) कन्ज्यूमर के प्रमुख ब्रांड हॉर्लिक्स का अधिग्रहण कर लिया था। इस अधिग्रहण के लिए एचयूएल को 31,700 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े। इसके अलावा अमेरिका में आईटी क्षेत्र की दिग्गज आईबीएम के प्रमुख 8 सॉफ्टवेयर के अधिग्रहण का ऐलान भारतीय आईटी दिग्गज एचसीएल ने कर लिया है।

एचसीएल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह सौदा 1.8 अरब डॉलर यानी करीब 12,780 करोड़ रुपए में हो रही है। इससे पहले मई राजस्व के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट को क्रय कर लिया है। इस सौदे को दोनों कंपनियों ने 16 बिलियन डॉलर (1,07200 करोड़) पर किया है।


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अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी मिल गई है और भारत के ई-कॉमर्स के इतिहास में सबसे बड़ा सौदा है। इस सौदे के साथ ही वॉलमार्ट भारत में काम करने वाली सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कम्पनी बन गई है।

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