केदारनाथ : सारा-सुशांत ने जमाया हिंदू-मुस्लिम की प्रेम कहानी का रंग

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 07 दिसम्बर 2018, 3:07 PM (IST)

कलाकार : सारा अली खान, सुशांत सिंह राजपूत, नितिश भारद्वाज, अल्का अमीन, सोनाली सचदेव, पूजा गौड़।
निर्देशक : अभिषेक कपूर
संगीतकार : अमित त्रिवेदी
अवधि : 2 घंटे 25 मिनट

अमृता सिंह और सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान ने आज केदारनाथ फिल्म के माध्यम से बड़े पर्दे पर एंट्री कर ली। इसमें उनके अपोजिट प्रतिभावान अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत हैं। 32 वर्षीय सुशांत फिल्मों में आने से पहले टीवी पर पवित्र रिश्ता धारावाहिक में नजर आए थे। उनकी पहली फिल्म वर्ष 2013 में आई काई पो छे थी। वे महेंद्र सिंह धोनी पर आधारित बायोपिक सहित कुछ अन्य फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। सारा और सुशांत दोनों ने दमदार एक्टिंग की है। सारा काफी खूबसूरत नजर आई हैं। केदारनाथ का बजट 35 करोड़ रुपए बताया जा रहा है, जिसमें प्रमोशन का खर्च शामिल नहीं है। इसे कुल 2000 स्क्रींस पर रिलीज किया गया है।

अब हम बात करते हैं केदारनाथ फिल्म की कहानी की। मंसूर (सुशांत) उत्तराखंड के केदारनाथ में पिट्ठू का काम करने वाला लडक़ा है जो श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन कराता है। वह मुसलमान है और उसे पंडितजी की बेटी मुक्कू (सारा) से प्यार हो जाता है। मुक्कू भी उसे बेहद पसंद करती है। मुक्कू का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ खड़ा होता है। आखिरकार रातोंरात मुक्कू की शादी उसके मंगेतर से कर दी जाती है। मंसूर के प्रेम करने की सजा सभी मुस्लिमों को भुगतनी पड़ती है। दोनों अलग-अलग हो जाते हैं जिसके बाद केदारनाथ में प्राकृतिक त्रासदी आती है। इसके बाद फिल्म में काफी उलटफेर होता है। उल्लेखनीय है कि जून 2013 में केदारनाथ में आई बाढ़ में करीब 4000 लोग मारे गए थे और 70000 लोग खो गए थे।



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अभिषेक कहानी में नयापन दिखाने में भले ही सफल ना हुए हो, लेकिन बाढ़ की विभीषिका दिखाने में जरूर सफल हुए। सिनेमेटोग्राफर और टेक्नीशियंस का काम पर्दे पर दिखता है। नमो नमो गाना अच्छा फिल्माया गया है। फिल्म की कहानी में और धार लाई जा सकती थी।

पहले हाफ में डल रहने के बाद यह इंटरवेल के बाद रफ्तार पकड़ती है। संवाद ज्यादा प्रभावी नहीं है। वीएफएक्स कमाल के हैं।