नई दिल्ली। देश में अंधाधुन विकास की हौड़ में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। हमें प्रकृति से लगातार छेड़छाड़ की कीमत चुकानी पड़ रही है। जल हो या हवा प्रदूषण ने हर जगह शिकंजा कस लिया है। आप मेडिकल रिसर्च करने वाली सरकारी संस्था आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की एक रिपोर्ट जानकर चौंक जाएंगे।
इसमें अध्ययन के आधार पर कहा गया है कि भारत में हर 8 में से 1व्यक्ति की जान जहरीली हवा ले रही है। यह देश में हुई पहली स्टडी है, जिसमें प्रदूषित हवा के कारण मौत, बीमारियों और घटती आयु के बारे में बताया गया है। प्रदूषण औसत उम्र घटा रहा है।
हवा शुद्ध होने पर उम्र एक साल 7 महीने ज्यादा होती। 77 प्रतिशत जनसंख्या प्रदूषण की जद में है। प्रदूषण तंबाकू से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। तंबाकू की तुलना में प्रदूषण से ज्यादा लोग बीमार हो रहे हैं।
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वर्ष 2017 में भारत में 12.4 लाख लोगों की मौत के लिए कहीं न कहीं वायु
प्रदूषण जिम्मेदार रहा। इसमें से 6 लाख 70 हजार की मौत के लिए बाहर पाए
जाने वाले प्रदूषित और 4 लाख 80 लोगों की मौत के लिए घरेलू वायु प्रदूषण
जिम्मेदार रहा। रिपोर्ट में बताया गया है कि मरने वालों में आधे से ज्यादा
70 साल से कम उम्र के थे। उत्तर भारत में सर्वाधिक प्रदूषक तत्व मिले।
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