नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल को लंबी कवायद के बाद सीबीआई भारत लाने में बड़ी सफलता प्राप्त की है। मिशेल को दुबई से मंगलवार रात दस बजकर 35 मिनट पर दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंच गए। वहां से मिशेल को सीधे सीबीआई मुख्यालय ले गए। वहां रातभर मिशेल को सीबीआई हेडक्वार्टर में ही रखा गया। आज उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।
यह ऑपरेशन बहुत गोपनीय रखा
मिशेल के प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन का नाम यूनिकॉर्न रखा गया था, इसकी बागडोर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने स्वयं ही अपने हाथ में ले रखी थी। यह ऑपरेशन को इंटरपोल और सीआईडी ने मिलकर कायमयाबी तक पहुंचाया। मिशन को सफल बनाने के लिए डोभाल सीबीआई के प्रभारी निदेशक नागेश्वर राव के संपर्क में थे।
एयरपोर्ट पर दो घंटे की कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद मंगलवार रात डेढ़ बजे उसे सीधे सीबीआई मुख्यालय ले गए। क्रिश्चियन की सुरक्षा को लेकर सीबीआई ने खास इंतजाम पहले कर दिए थे। सूत्रों की मानें तो स्पेशल सेल की टीम भी एयरपोर्ट पहले ही पहुंच गई थी। सीबीआई मुख्यालय के बाहर भी बैरिकेडिंग लगाकर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया। जॉइंट डायरेक्टर सीबीआई खुद क्रिश्चियन मिशेल को लेने दुबई गए थे।
ब्रिटिश नागरिक होने के चलते मिशेल काउंसलर एक्सेस की भी प्रयास करेगा। सीबीआई मिशेल को न्यायालय में पेश करेगी, जहां वह आरोपी को और पूछताछ के लिए हिरासत में लेने का प्रयास करेगी।
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आपको बताते जाए कि 3600 करोड़ के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर अगस्ता
वेस्टलैंड घोटाले में मिशेल की भारतीय जांच एजेंसियों को काफी समय से तलाश
में थी। 57 साल के मिशेल को फरवरी 2017 में दुबई में दबोच लिया था। इंटरपोल
ने उसके खिलाफ 25 नवंबर 2015 में रेड नोटिस जारी कर दिया था। दुबई में
गिरफ्तारी के बाद 19 मार्च 2017 को भारत ने उसके प्रत्यर्पण करने की मांग
की थी।
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