नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 13,500 करोड़ रुपये का घोटाला कर देश से भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने कहा कि वह अपनी 'जिंदगी पर मंडराते खतरे' की वजह से भारत नहीं लौटेंगे। यहां की एक विशेष अदालत को इस बारे में बताते हुए भगोड़े व्यापारी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय नीरव मोदी के साथ एजेंसी के संचार को छुपा कर 'अदालत में फर्जीवाड़ा करने का दोषी है'।
इसी तरह के एक मेल में नीरव मोदी ने ईडी से कहा था कि उसके पुतले को जलाया जा रहा है और अगर वह भारत आते हैं तो उन्हें मॉब लिंचिंग का भय है। अग्रवाल ने अपने मुवक्किल की चिंताओं का समर्थन करते हुए कहा कि ईडी द्वारा वित्त और ज्वैलर डिजाइनर के रूप में नीरव मोदी के संबंध में मांगी गई जानकारी को मुहैया नहीं कराया जा सकता।
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उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल इस तरह की सूचनाएं देने में समर्थ नहीं है
क्योंकि ईडी ने उनके कार्यालयों को सील कर दिया है, उनके कर्मचारियों को
हिरासत में ले लिया है और कंप्यूटर सर्वरों को जब्त कर लिया है।
अग्रवाल
ने कहा कि इन सब कार्रवाई के बावजूद, नीरव मोदी लगातार ईडी से संपर्क में
हैं, इसलिए उनके मुवक्किल को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित नहीं किया जा
सकता।
नीरव मोदी ने 25 फरवरी को ईडी को किए मेल में कहा था कि मेरे
अंतिम मेल में, मैंने इस बात की ओर इशारा किया था कि अत्यधिक मीडिया कवरेज
को देखते हुए, कुछ निजी सुरक्षा मामले हैं, जिसका मैं सामना कर रहा हूं.."
नीरव
मोदी ने 7 मार्च को केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) को किए मेल में कहा कि
मेरी सुरक्षा का खतरा सही है। भारत की स्थिति को देखते हुए, जहां बिना
मुकदमा पूरा हुए ही मुझे 'अपराधी' कहा जा रहा है और ऐसे पेश किया जा रहा है
कि मैं कथित अपराध का दोषी ठहराया जा चुका हूं।"
उसने कहा कि मुंबई
से एक रिपोर्ट है कि होलिका दहन के दिन मेरा 50 फुट ऊंचा पूतला फूंका गया,
जिससे मैं अंदर तक डर गया। मैं डर गया हूं।"
सीबीआई को किए मेल में
उसने कहा कि वह भारत नहीं आ सकता क्योंकि उसके पूर्व कर्मचारियों को
जिन्हें तनख्वाह नहीं दी गई है, मकान मालिकों, जिन्हें किराया नहीं दिया
गया है, ग्राहक जिनके आभूषण सीबीआई ने जब्त कर लिए और इसके साथ ही कई अन्य
लोगों ने उसे धमकाया है।
उसने कहा कि उसकी कंपनी की एक महिला
कार्यकारी को सीबीआई ने कथित रूप से अनादर कर गिरफ्तार किया, जोकि
सीआरपीसी,1973 की धारा 46 का उल्लंघन है।
नीरव मोदी ने कहा कि जब
जांच एजेंसियों ने एक महिला की आजादी का ख्याल नहीं किया, तो कैसे मेरी
सुरक्षा को लेकर चिंता की गारंटी दी जाएगी। उसने कहा कि वह देख रहे हैं कि
'प्रक्रिया में निष्पक्षता नहीं बरती जा रही है।
--आईएएनएस
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