कोलकाता। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए चुनी गई भारतीय टीम के सदस्य मोहम्मद शमी ने बुधवार को रणजी ट्रॉफी के मैच में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की उस बात को नहीं माना जिसमें बोर्ड ने शमी से एक पारी में सिर्फ 15-16 ओवर फेंकने को कहा था।
बंगाल के लिए खेलते हुए शमी ने केरल के खिलाफ पहली पारी में 26 ओवर गेंदबाजी की। बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे को ध्यान में रखते हुए शमी के ऊपर यह शर्त लागू की थी। शमी ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा कि जब आप अपने राज्य के लिए मैच खेल रहे होते हैं तो यह जरूरी होता है कि आप अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाएं।
शमी ने कहा कि मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं और मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं आई। विकेट अच्छा खेल रहा है इसलिए मैं जितनी देर गेंदबाजी कर सकता था कि.. यह मेरा खुद का फैसला था। शमी ने कहा कि अभ्यास में गेंदबाजी करने से अच्छा है कि मैच में की जाए।
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उन्होंने कहा कि अपनी टीम और राज्य के लिए गेंदबाजी करना अभ्यास सत्र में
गेंदबाजी करने से बेहतर है। आप जितनी यहां गेंदबाजी करोगे उसका फायदा
ऑस्ट्रेलिया में होगा। यह अच्छी तैयारी है। मेरे लिए मैच में गेंदबाजी करना
तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका है। मैं ऐसा किसी भी दिन कर सकता हूं।
शमी ने कहा कि लंबे समय बाद अपने घर में गेंदबाजी करना मेरे लिए अच्छा रहा।
मेरे सभी दोस्त यहां थे। लंबे समय बाद मैं अपनी टीम के साथ खेल सका। बंगाल
के कोच साइराज बहुतुले ने भी इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी। कोच ने कहा, वे
गेंदबाजी करने के इच्छुक थे तो इसलिए उन्होंने गेंदबाजी की। किसी ने उन पर
दबाव नहीं डाला।
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