माले । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत की। हिंद महासागर के द्वीपीय देश मालदीव में आयोजित इस समारोह में शिरकत करने वालों में मोदी सबसे वरिष्ठ विदेशी नेता थे। मालदवी में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के शासन काल में काफी राजनीतिक उथल-पुथल देखी गई। विपक्ष में रही मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर सोलिह ने यामीन को चुनाव में पराजित किया। बतौर राष्ट्रपति सोलिह का कार्यकाल 2023 तक रहेगा।
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वह मालदीव के सातवें राष्ट्रपति हैं, जबकि देश का नया संविधान
लागू होने के बाद चुने गए वह तीसरे राष्ट्रपति हैं।
यामीन के शासन काल में मालदीव के साथ भारत के संबंधों में तनाव तब आया, जब
माले द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को मानने से इनकार करने पर नई
दिल्ली की ओर से उसकी आलोचना की गई।
मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय ने विपक्ष के नौ नेताओं को अभियुक्त ठहराने
वाले आदेश को निरस्त कर दिया था। इन नेताओं में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद
नशीद भी शामिल थे, जो देश से बाहर जा चुके थे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मालदीव के लिए सर्वोच्च रैंकिंग
वाले अतिथि थे। चीन की ओर से कल्चर मंत्री के शामिल होने की समाचार मिले
हैं।
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आपको बताते जाए कि चीन के कर्जे में फंसा मालदीव भारत की तरफ देख रहा
है। मालदीव की पिछली सरकार ने विकास के लिए चीन से भारी मात्रा में कर्ज
ले रखा है। नई सरकार ने चीन के प्रभाव से मुक्त होकर भारत से सम्बंध मजबूत
करने के संकेत दिए हैं।
मोदी के यहां आगमन पर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। मालदीव संसद
के अध्यक्ष कासिम इब्राहिम ने हवाईअड्डे पर उनकी अगवानी की।
-आईएएनएस
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