सीएम ने महाछठ पर्व पर दी श्रद्धालुओं को मुबारकबाद

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 13 नवम्बर 2018, 7:57 PM (IST)

करनाल । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि महाछठ पर्व महोत्सव के अवसर पर मनुष्य को अपने जीवन में शुद्धता लाने व जीवन को ऊंचा उठाने का संकल्प लेना चाहिए तभी समाज में कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, छूआछात, जातिवाद, असमानता जैसी बुराईयों पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने करनाल में छठ सेवा समिति मंडल द्वारा आयोजित 24वें महाछठ पर्व महोत्सव पर पश्चिमी यमुना नहर के तट पर बने सूर्य मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की और उपस्थित श्रद्धालुओं पर छठ पर्व महोत्सव की मुबारकबाद दी।

उन्होंने कहा कि छठ पूजा हमारे प्रमुख त्योहारों में से एक है, यह त्योहार सूर्य उपासना का सबसे पवित्र पर्व माना गया है। सूर्य जिसे ऊर्जा व जीवन शक्ति के रूप में माना जाता है उसकी छठ त्योहार के दौरान मनोकामना पूर्ति, समृद्धि और प्रगति प्रदान करने के लिए पूजा की जाती है। इसलिए छठ पर्व का त्योहार देश-विदेश के बड़े हिस्से में आज नहरों, सरावरों के किनारे भारी संख्या में श्रद्धालु इकठ्‌ठा होकर मना रहे हैं। यह त्योहार आपसी मिलन-प्रेम और पूरे परिवार व समाज का एक सांझा त्योहार है, इसे सभी तरह के भेदभाव भुलाकर मनाया जाता है। यह त्योहार सीधे तौर पर प्रकृति से जुड़ा हुआ है और यह हमें पर्यावरण की रक्षा की प्रेरणा देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथ्वी को भी सूर्य का अंश माना जाता है और हम सब पृथ्वी के अंश हैं, इसका अर्थ है कि धरती पर जितने जीव-जंतु व मनुष्य सभी सूर्य के अंश हैं। उन्होंने कहा कि समाज में महिला एवं पुरूष को लेकर असमानता बढ़ी और महिलाओं के प्रति आदर कम हो गया जिसके परिणामस्वरूप कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई समाज में पनप गई। इस बुराई को समाप्त करने का आह्वान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानीपत की धरती से किया था और जिसके परिणामस्वरूप आज हरियाणा में लिंगानुपात 830 से बढकऱ करीब 950 तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि ऐसे पर्व पर हमें चाहिए कि हम स्वच्छता को बढ़ाने के लिए संकल्प लें, स्वच्छता जैसा दुनिया में कोई संस्कार नहीं, हर व्यक्ति का कत्र्तव्य है कि हर गली, माहेल्ले, सार्वजनिक स्थलों पर तथा अपने मन की स्वच्छता को जीवन में लाने का प्रयास करें। उन्होंने छठ सेवा समिति मंडल की मंाग पर धर्मशाला बनवाने के लिए 11 लाख रुपये अपने अनुदान कोष से देने की घोषणा की, इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने धर्मशाला के निर्माण के लिए संस्था को 5 लाख रुपये का अनुदान दिया था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो भी उनकी मांग होगी उसको पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नहर के तट पर जाकर सूर्य भगवान को सांध्य अर्घ भेंट कर नमन किया।

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