खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.31 फीसदी, औद्योगिक उत्पादन भी गिरा

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 13 नवम्बर 2018, 08:15 AM (IST)

नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों की कीमतें गिरने से अक्टूबर में देश की खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 3.31 फीसदी रही, जबकि सितंबर में यह बढक़र 3.70 फीसदी थी। वहीं, औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 4.5 फीसदी रही है। आधिकारिक आंकड़े सोमवार को जारी किए गए। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में साल-दर-साल आधार पर भी अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गई, जोकि साल 2017 के अक्टूबर में 3.58 फीसदी थी।

उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अक्टूबर में नकारात्मक 0.86 फीसदी रही, जोकि सितंबर से 0.51 फीसदी अधिक है। साल-दर-साल आधार पर दूध आधारित उत्पादों, अंडों, मांस और मछलियों की खुदरा मुदास्फीति में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

वहीं, गैर-खाद पदार्थों की श्रेणी में ‘ईधन और बिजली’ खंड की मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में बढक़र 8.55 फीसदी रही। वहीं, दूसरी तरफ सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 4.5 फीसदी रही है, जबकि अगस्त में यह 4.66 फीसदी पर थी।

साल 2017 के सितंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर 4.1 फीसदी थी। मंत्रालय द्वारा जारी आईआईपी के ‘तुरंत अनुमान’ में बताया गया, ‘‘साल 2018 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान संचयी वृद्धि दर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.1 फीसदी रही है।’’

साल-दर-साल आधार पर विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में अच्छी वृद्धि हुई, जिसकी वृद्धि दर 4.6 फीसदी रही, जबकि खनन उत्पादन में मामूली वृद्धि हुई, जोकि 0.2 फीसदी पर रही। और उप-सूचकांक के बिजली उत्पादन की वृद्धि दर बढक़र 8.2 फीसदी रही।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

आईआईपी आंकड़ों पर उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि नवीनतम अनुमानों के अर्थव्यवस्था के लिए आशावादी संकेत दिया है। एसोचैम ने एक बयान में कहा, ‘‘सितंबर में विनिर्माण, बिजली, अवसंरचना और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के खंड की उत्पादन दर अच्छी है।’’

पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष राजीव तलवार का कहना है, ‘‘हम त्योहारी मांग के कारण अक्टूबर में आईआईपी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद करते हैं।’’इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च (इंड-रा) के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा कि मुद्रास्फीति में राहत से आरबीआई को आगामी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में ब्याज दरों पर फैसला करने में आसानी होगी।

पंत ने एक बयान में कहा, ‘‘इंड-रा का मानना है कि सीपीआई के विभिन्न खंडों के अंतर्विरोधों के कारण आरबीआई अपनी आगामी एमपीसी बैठक में फिलहाल इंतजार करो की नीति अपनाएगा। अगले साल के अंत तक फिलहाल ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।’’

यह भी पढ़े : यहां मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, मां की अप्रसन्नता पर पानी हो जाता है लाल