वाशिंगटन। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बताया है कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण् भारत की आर्थिक विकास दर में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान की सात फीसदी की विकास दर देश की आवश्यकता के लिए पर्याप्त नहीं है। यह बात राजन ने बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में सम्बोधित करते हुए कही। राजन ने आगे बताया कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से पहले चार साल (2012 से 2016) तक भारत की विकास की दर लगातार काफी तेजी से बढ़ रही थी।
राजन ने कहा कि नोटबंदी तथा जीएसटी जैसे लगातार दो झटकों का भारत की विकास दर पर विपरित प्रभाव पड़ा। विकास दर ऐसे समय में गिरी है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था काफी उछाल मार रही है।
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राजन ने बताया कि 25 सालों तक हर साल सात फीसदी की विकास दर मजबूत है,
लेकिन यह एक तरह से हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ की तरह ही है। इसे पहले 3.5 फीसदी
के लिए इस्तेमाल किया जाता था। आजादी मिलने के बाद देश की अर्थव्यवस्था के
लिए हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ का इस्तेमाल किया जाता था।
इसका मतलब बेहद
कमजोर ग्रोथ रेट से माना जाता था। उन्होंने बताया कि सात फीसदी की वृद्धि
दर उन लोगों के लिए पर्याप्त नहीं होगी जो श्रम बाजार में आ रहे हैं और
हमें उन्हें रोजगार देने की आवश्यकता है। इसलिए हमें और अधिक विकास दर की
आवश्यकता है और इस स्तर से हम संतुष्ट नहीं होंगे।
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