बेंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार आज टीपू जयंती मना रही है। बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठन कर्नाटक सरकार के इस कार्यक्रम का जोरदार विरोध किया जा रहा है। ऐसे में बीजेपी के विरोध के सियासी मायने भी निकाले जा रहे है। बीजेपी ने सरकार से जश्न समारोह को रद्द करने की अपील करते हुए शुक्रवार को बेंगलुरू, मैसूर और कोडागू में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया।
बीजेपी टीपू सुल्तान को कट्टर शासक बताती है। बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान ने मंदिर तोड़े और बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण करवाया। बीजेपी सांसद शोभा करंदलाजे ने कहा है कि टीपू जयंती का आयोजन कर सिद्धारमैया ने अपनी सत्ता खो दी अब ऐसा ही उनके साथ होने वाला है जो टीपू जंयती मनाने जा रहे हैं।
जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार की नीति को बरकरार रखते हुए 10 नवम्बर को ‘टीपू जयंती’ मनाई जाएगी। इसके बाद ही बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी।
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इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी डॉक्टर की सलाह के मद्देनजर अगले तीन दिन तक किसी
आधिकारिक समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे। टीपू जयंती पर आयोजित प्रमुख
समारोह का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर करेंगे।
मुख्यमंत्री
के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर जेडीएस के कोटे से मंत्री बी केशमपुर
ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने संबंधित विभाग को
टीपू सुल्तान की जयंती धूमधाम से मनाने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री की जगह
मंत्री वेंकेटराव बेंगलुरू में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और मैं खुद बिदर
में कार्यक्रम में भाग लूंगा।
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