यू.टी चंडीगढ़ में पंजाब के हिस्से वाली स्थिति ज्यों का त्यों रखने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 09 नवम्बर 2018, 7:30 PM (IST)

चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय शासित प्रदेश चंडीगढ़ में प्रशासकीय पदों के लिए पंजाब और हरियाणा में स्थिति ज्यों का त्यों बनाई रखने को यकीनी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
प्रधानमंत्री के निजी दख़ल की माँग करते हुए मुख्यमंत्री ने उनको विनती की है कि वह भारत सरकार के गृह मंत्रालय को यू.टी में सिवल पदों को भरने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 के अनुपात को बनाये रखने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय को सलाह दें क्योंकि यह यथास्थिति लम्बे समय से चली आ रही है।
प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि यह ढाढ़स देने वाली बात थी कि इस वर्ष पहली अक्तूबर को लिखे उनके पत्र के समर्थन की वजह से भारत सरकार ने चंडीगढ़ पुलिस के डी.एस.पीज़ के पदों का दिल्ली, अंडेमान, निकोबार आईलैंडज़ पुलिस सर्विस (डी ए एन आईपीएस) में विलय करने संबंधी 25 सितम्बर, 2018 के नोटिफिकेशन पर अस्थायी तौर पर रोक लगाने पर सहमति जताई थी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस समय चंडीगढ़ प्रशासन में 14 आई.ए.एस अफ़सर तैनात हैं और इनमें से सिफऱ् तीन पंजाब से और दो हरियाणा से सम्बन्धित हैं जबकि बाकी अधिकारी यू.टी काडर के हैं। इस तरह चंडीगढ़ में 7 आई.पी.एस अधिकारी तैनात हैं इनमें से सिफऱ् 1-1 अधिकारी पंजाब और हरियाणा से सम्बन्धित है जबकि बाकी 5 अधिकारी यू.टी काडर के हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन में अधिकारियों को लगाने के लिए 60:40 के अनुपात को बरकरार नहीं रखा जा रहा। उन्होंने कहा कि यही स्थिति अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों के सम्बन्ध में है जिनमें अध्यापक, डाक्टर और अन्य सिवल अधिकारी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन में पदों को भरने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 को बनाई रखने की ज़रूरत को सही माना था परन्तु पिछले कुछ सालों के दौरान इसमें असंतुलन पैदा हुआ है जिसको ठीक करने की ज़रूरत है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मोदी को यह भी कहा कि वह चंडीगढ़ प्रशासन को सलाह देें कि वह पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की भूमिका और जि़म्मेदारी को ह्रास न लगाएं जो कि पहले ही निर्धारित अनुपात और पदों के अनुसार प्रदान की गई है।

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