नई दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना गुरुवार को केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त सामने हाजिर हुए। इस दौरान दोनों से केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त वी चौधरी ने पूछताछ की है। यह माना जा रहा है कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पर अपना पक्ष रखा है। मिली जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक वर्मा और अस्थाना दोपहर एक बजे केन्द्रीय सतर्कता आयोग पहुंच गए । वहां पर लगभग सवा घंटा रुके थे।
आपको बताते जाए कि खडग़े सीबीआई निदेशक को नियुक्त करने वाली 3 सदस्य समिति के सदस्य हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि एक पक्षकार के तौर पर वह राजनीतिक कार्यपालिका द्वारा सीबीआई निदेशक के स्वतंत्र कामकाज में हस्तक्षेप करने वाली मनमानी और अवैध कार्रवाई को अदालत के संज्ञान में लाए हैं। सरकार ने वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना में तनाव के बाद दोनों को 23 अक्टूबर उनके अधिकार वापस ले कर छुट्टी पर भेज दिया था। दोनों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सिफारिश की थी कि वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया जाए। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित कर दी जाए। इसके कुछ देर बादी ही सरकार ने कार्रवाई की दी थी।
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उन्होंने इस दौरान चौधरी और सतर्कता आयुक्त शरद कुमार से मुलाकात
की। सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को सीवीसी से अस्थाना द्वारा वर्मा पर
लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते के अंदर देने को कहा था। वर्मा और अस्थाना
को केन्द्र सरकार ने छुट्टी पर भेजा गया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता
मलिकार्जुन खडग़े ने भी केंद्र के सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर
भेजने के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं।
उन्होंने अदालत में बताया था कि यह पूरी तरह से गैर कानूनी और मनमाना है।
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