लखनऊ। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई जनवरी में किए जाने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय को लेकर उत्पन्न किए जा रहे विवाद पर गंभीर चिंता जाहिर की है। पार्टी ने कहा कि इस संदर्भ में भाजपा की केंद्र सरकार और उप्र सरकार के मंत्री, भाजपा व आरएसएस के नेता उकसावे और धमकी भरे बयान दे रहे हैं।
माकपा का कहना है कि भाजपा ने आधिकारिक रूप से कहा था कि वह अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेगी। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब वह उल्टी पोजीशन ले रही है। बावजूद इसके कि मामला न्यायालय में है, आरएसएस के नेतृत्व में मंदिर निर्माण के लिए संसद में अध्यादेश लाने की मांग को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। यह असंवैधानिक है, अवैध है।
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माकपा ने एक बयान जारी कर कहा कि वैसे भी भाजपा, आरएसएस का न्यायालय
तथा संविधान को न मानने का इतिहास रहा है, जिसे वे दोहराना चाहते हैं। ऐसी
स्थिति पैदा कर रहे हैं, जिससे देश में सांप्रदायिकता का जहर फैले और
भाईचारा, शांति और एकता तार-तार हो जाए और इसका फायदा भाजपा को तीन राज्यों
के चुनाव व अगले लोकसभा चुनाव में मिल जाए।
माकपा ने कहा कि हर मोर्चे पर हर तरह से विफल हो चुकी भाजपा सरकार आम जनता
के असंतोष से घबराई हुई है। भाजपा अब दंगा, फसाद, खून-खराबे के जरिये सत्ता
में वापसी चाहती है।
-आईएएनएस
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