बीजिंग। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की चीनी नेतृत्व के
साथ आधिकारिक वार्ता समाप्त होने के बाद रविवार को बीजिंग और इस्लामाबाद ने
अपने सैन्य सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई।
इमरान के शंघाई रवाना होने के बाद जारी एक बयान में चीन ने पाकिस्तान-भारत
संबंधों के सुधार के लिए और दोनों देशों के बीच विवादों के निपटारे में पहल
के लिए 'पाकिस्तान के प्रयासों' का समर्थन किया।
इस्लामाबाद और बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के
खिलाफ बढ़ते नकारात्मक प्रचार को खारिज किया और 'सीपीईसी परियोजनाओं को सभी
खतरों से बचाने का दृढ़ संकल्प' जताया।
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सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ दोनों पक्ष अतिरिक्त सहयोग बढ़ाने और
सशस्त्र बलों के बीच विभिन्न स्तरों पर उच्चस्तरीय दौरे और आदान-प्रदान
बनाए रखने पर सहमत हुए।
बयान में एक शांतिपूर्ण और स्थिर दक्षिण एशिया का आह्रान करते हुए दोनों
देशों ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सभी विवादों पर संवाद और
संकल्प के महत्व पर जोर दिया।
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चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में पाकिस्तान को शामिल किए जाने की मांग का भी समर्थन किया।
चीन ने कहा कि वह पाकिस्तान के एनएसजी दिशा-निर्देशोंका पालन करने की प्रतिबद्धता का स्वागत करता है।
चीनी पक्ष ने दोहराया कि पाकिस्तान के साथ चीन का रिश्ता उसकी विदेश नीति में हमेशा शीर्ष प्राथमिकता का विषय रहा है।
-आईएएनएस
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