नई दिल्ली। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने पर केन्द्र के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने अवैध और सीबीआई एक्ट का उल्लंघन करार देते हुए शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। खडग़े ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि ये आदेश निरस्त की जाए।
मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के नेता खडग़े ने अपनी याचिका में बताया कि इस अधिनियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति या उसे हटाने के बारे में नेता प्रतिपक्ष, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश की तीन सदस्यीय वैधानिक समिति को ही अधिकार दिया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है । खडग़े ने अपनी याचिका में बताया कि याचिकाकर्ता नियुक्ति कमेटी के सदस्य हैं, इसके बाद भी सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से उनके अधिकार छीनने की जानकारी उसे नहीं दी गई है।
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इस निर्णय के सम्बंधित किसी भी बैठक में जानकारी नहीं दी गई है।
उनका कहना है कि सीबीआई चीफ को छुट्टी पर भेजने से पहले उन्हें
नियुक्तकरने वाली कमेटी की बैठक बुलानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि सरकार
ने कमेटी की बैठक नहीं बुलाई और रातों-रात आलोक वर्मा को अनिश्चितकाल तक
छुट्टी पर जाने को कह दिया है। आपको बताते जाए कि लोकसभा में कांग्रेस के
नेता होने की वजह से खडग़े सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली समिति के
सदस्य भी हैं।
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