आपके हर अहसास को सूंघकर बता सकता है आपका डॉगी, जानिए-दिलचस्प बातें

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 22 अक्टूबर 2018, 2:23 PM (IST)

नई दिल्ली। जानवरों में कुत्ते को ही सबसे वफादार समझा जाता है। आप उदास हो या फिर बीमार कुत्ते आपके हर अहसास के बारे में सूंघ कर पता लगा सकते हैं। वो इंसानों के नर्वस या फिर बीमार होने पर जो पसीना निकलता है, उसे सूंघ कर इसका पता लगा सकते हैं। यही नहीं परिवार की किसी महिला की गर्भवती के बारे में उन्हें पहले ही पता चल जाता है।

कुत्तों की सूंघने की क्षमता कमाल की होती है। उनके सूंघने की शक्ति इंसानों से 10 हजार गुणा ज्यादा होती है। इसकी वजह है उनकी नाक का नथूना, जो हर समय गीला रहता है। इससे उन्हें सूंघने में मदद मिलती है। कुत्तों के सिर्फ पैरों में ही पसीने की ग्रंथियां होती हैं।

इसलिए वो गर्मियों में हांफ कर अपने शरीर को ठंडा करते हैं। आज हम आपको कुत्ते के रहस्य के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में सुन आप शायद यकीन ना करें। आइए जानते है।

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डालमाटिएन्स के बच्चे यानी पप्पीज जन्म के समय एकदम सफेद रंग के होते हैं। जैसे-जैसे वो बढ़ते जाते हैं, उनके शरीर पर ब्लैक स्पॉट विकसित हो जाते हैं।

बसेनजी कुत्तों की एक मात्र ऐसी प्रजाति है, जो भौंक नहीं सकती। वो भौंकने की जगह योडेल करते हैं।
डॉग नीले और पीले रंग को आसानी से पहचान लेते हैं, लेकिन लाल रंग को नहीं। उन्हें लाल रंग गहरा स्लेटी नजर आता है।

कुत्ते कई बार घर और बाहर अचानक सर्कल में घूमने लगते हैं। ऐसा कर वो ख़ुद को घर में होने का एहसास दिलाते हैं। ये आदत उन्हें अपने पूर्वजों से मिली है। सबसे ज्यादा पेट डॉग्स अमेरिका में पाए जाते हैं। वहां इनकी संख्या तकरीबन 75 मिलियन है।

एक नॉर्मल कुत्ता 150 शब्दों को पहचान सकता है। चेसर नाम का डॉग, जो कोल्ली प्रजाति से ताल्लुक रखता है, वो 1022 शब्द पहचान लेता है।

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कुत्ते मुस्कुराते हैं ताकि अपने मालिक का प्यार पा सकें। पर उनके स्माईल करने की वजह इंसानों से अलग होती है। वो ऐसा तब करते हैं जब वो नर्वस होते हैं। तब वो अपने मालिक से थोड़ा दिलासा भी चाहते हैं।

कुत्तों को अपनी गलती का एहसास नहीं होता, इसलिए उन्हें किसी बात का कोई पछतावा नहीं होता। ये एक पेचीदा भावना है, जिसे कुत्ते समझ नहीं सकते।

कुत्ते इंसानों के हाव-भाव को चिंपांजियों से बेहतर समझते हैं।

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अगर कोई कुत्ता शुरूआत के 3 महीनों तक किसी इंसान के संपर्क में न रहे, तो वो पूरी जिदंगी जंगली रह सकते हैं। इनके सुनने की क्षमता इंसानों की कहीं बेहतर होती है।

एक इंसान 64 से 23,000 हर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी के साउंड को सुन सकते हैं। जबकि कुत्ते 67 से 45,000 हर्ट्ज की ध्वनि को आसानी से सुन सकते हैं।


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