पराली प्रबंधन संबंधी मशीनरी की गुणवत्ता और कीमतों के बारे में दोष बेबुनियाद

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 21 अक्टूबर 2018, 8:13 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में धान के अवशेष के प्रबंधन के मद्देनजर कृषि मशीनों की खरीद में कुप्रबंधन के दोषों को बेबुनियाद बताते हुए रद्द कर दिया और कहा कि यह सारी प्रक्रिया भारत सरकार के कृषि सचिव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय स्तर की टास्क फोर्स की निगरानी में चलाई जा रही है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए कृषि विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली आदि राज्यों में धान की पराली के उचित प्रबंधन करने वाली कृषि मशीनों की गुणवत्ता के मापदंड और कीमतें केंद्र सरकार की टास्क फोर्स के द्वारा ही तय की गई हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर) और नीति आयोग के साथ साथ चारों राज्यों के नुमायंदों पर आधारित इस कमेटी का गठन किया गया था जिससे अवशेष के प्रबंधन के लिए किए जा रहे प्रयासों पर निगरानी और समयबद्ध अमल को यकीनी बनाया जा सके।

इस सम्बन्ध में प्रवक्ता ने बताया कि मशीनों सम्बन्धी विशेषताएं और कीमतों का निर्धारण पंजाब और हरियाणा की कृषि यूनिवर्सिटियां, आई.सी.ए.आर., केंद्र सरकार के मशीन टेस्टिंग सेंटरों पर आधारित तकनीकी टीमों और सम्बन्धित राज्यों के तकनीकी माहिरों की तरफ से किया जाता है।

उन्होंने बताया कि इन मशीनों की कीमतें पिछले साल के मुकाबले लगभग बराबर ही हैं और यदि कहीं थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव हुआ भी है तो उसका कारण स्टील की कीमतों में हुई वृद्धि और भारत सरकार की तरफ से कृषि उपकरणों पर लगाए जी.एस.टी. को 12 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करना है, जबकि पिछले सालों के दौरान कृषि से सम्बन्धित मशीनरी पर ऐसा कोई टैक्स नहीं लगाया जाता था। राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को सभी कृषि मशीनरी या पराली प्रबंधन सम्बन्धी मशीनरी को 0 प्रतिशत (सिफर) जीएसटी या न्यूनतम 5 फीसदी वाले जीएसटी स्लैब अधीन लाने के लिए विनती की गई है।
यह आम तौर पर देखा जाता है कि नेशनल एग्रो मशीनरी टैस्ट सेंटरों और भारत सरकार की तरफ से स्वीकृत गुणवत्ता के पैमाने पर खरे उतरने वाली मशीनों और बिना किसी रजिस्ट्रेशन और किसी पैमाने की मशीनों की कीमतों में अंतर होता है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि पंजाब के किसानों ने व्यक्तिगत रूप में या ग्रुपों के द्वारा पराली के निपटारे वाली कृषि मशीनरी खरीदने में गहरी रुचि दिखाई है।

प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर इस स्कीम के अंतर्गत पंजाब के 40 निर्माताओं को सूचीबद्ध किया गया, परन्तु कृषि मशीनरी की खरीद में किसानों की रुचि बढ़ने से राज्य सरकार ने भारत सरकार से संपर्क किया और कृषि मशीनरी सम्बन्धी तय पैमाने पर खरा उतरने वाले 165 अन्य निर्माताओं को सूचीबद्ध किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि धान की पराली न जलाने संबंधी चलाई जा रही मुहिम को भी किसानों ने साकारात्मक समर्थन दिया है।


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