अमृतसर । अमृतसर में रावण दहन देखने के दौरान एक ट्रेन की चपेट में आकर हुई 60
लोगों की मौत के बाद शनिवार को रेलवे ने इस घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया।
उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने जारी बयान में कहा कि यह कार्यक्रम
एक ऐसे क्षेत्र में हो रहा था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
बयान
के अनुसार, वहां पर दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में ना तो
क्षेत्रीय प्रशासन और ना ही कार्यक्रम आयोजक ने कोई सूचना दी।
उन्होंने कहा, "तो रेलवे से अनुमति लेने का सवाल ही नहीं उठता।"
उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम कार्यक्रम के समय मानवीय क्रॉसिंग के दरवाजे बंद थे।
एक
वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने हालांकि यह स्वीकार किया कि डीजल मल्टीपल यूनिट
(डीएमयू) जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने आपातकालीन ब्रेक का
उपयोग नहीं किया।
अधिकारी ने स्वीकार किया कि क्रॉसिंग पर खड़े
व्यक्ति को नजदीकी स्टेशन को वहां कार्यक्रम की भीड़ इकट्ठी होने की सूचना
देनी चाहिए थी।
स्टेशन मास्टर को सतर्क होना चाहिए था और बाद में उसे लोको पायलटों को सतर्क करना चाहिए था।
शुक्रवार
को धोबीघाट के निकट जोड़ा फाटक पर लगभग 700 लोगों की भीड़ रावण के विशाल
पुतले का दहन देख रही थी तभी अमृतसर से होशियारपुर जा रही जालंधर-अमृतसर
डीएमयू पैसेंजर ट्रेन शाम करीब सात बजे पटरी पर खड़े लोगों को रोंदती हुई
गुजर गई।
10-15 सेकेंड के बाद ही वहां क्षत-विक्षत शव नजर आने लगे और वहां चीख-पुकार मचने लगी।
डॉक्टरों का कहना है कि कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने के कारण मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
मुख्यमंत्री के घटनास्थल पर शनिवार को पहुंचने की संभावना है।
आधिकारिक
प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब सरकार ने शनिवार को राज्य में शोक का ऐलान किया
है। इस दौरन सभी ऑफिस और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। जांच के आदेश दे दिए
गए हैं।
रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल अमेरिका में हैं। उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह लौटने की तैयारी कर रहे हैं।
दुर्घटना
के बाद शुक्रवार शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
--आईएएनएस
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