महिलाएं सबरीमाला के मंदिर की सीढियों तक पहुंचीं

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 17 अक्टूबर 2018, 3:13 PM (IST)

तिरुवनंतपुरम। सबरीमाला मंदिर विवाद को लेकर केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के साथ है। प्रदेश में बड़ी संख्या में संगठन व लोग निर्णय के विरोध कर रहे हैं। सबरीमाला मंदिर में रजस्वला 10 से 50 साल की उम्र तक की लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद से माहौल तनावपूर्ण है। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया और पुलिस के वाहनों पर जमकर पथराव किया है। महिलाएं सबरीमाला के मंदिर की सीढियों तक पहुंच गई हैं।


आरएसएस के लोग जंगलों में छिप कर अयप्पा भक्तों पर हमला किया
आज के हिंसा की घटनाओं पर केरल के मंत्री ईपी जयराजन ने कहा है कि विरोध कर रहे लोगों ने 10 केएसआरटीसी बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। अन्य राज्यों के भक्तों को पीटा गया और वापस भेज दिया गया। आरएसएस-बीजेपी इस सब के पीछे है।सुप्रीम कोर्ट का शासन सभी पर लागू होता है, सरकार सिर्फ इसका पालन कर रही है और इसे लागू कर रही है।उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोग जंगलों में छिप कर अयप्पा भक्तों पर हमला किया है। दस मीडियाकर्मियों, पांच भक्तों और 15 पुलिसकर्मियों पर हमला किया है।

कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस किसी पर हमला नहीं कर रही है। पत्रकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं होगा। यह जो विरोध कर रहे हैं ये भाजपा और आरएसएस के लोग हैं। कांग्रेस इसमें कहीं भी शामिल नहीं है। श्रद्धालु अभी भी सबरीमाला मंदिर की ओर जा रहे हैं। मंदिर बुधवार रात साढे दस बजे तक खुला रहेगा। पुलिस की ओर से मंदिर के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस ने 'Save Sabarimala कैंपेन चलाने वाले राहुल ईश्वर को गिरफ्तार कर लिया है। प्रदर्शनकारी लगातार मीडियाकर्मियों को निशाना बना रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कहा कि वह दो दिन के अंदर सबरीमाला मंदिर जाएंगी। और बताया कि सबरीमाला जाने वाली महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है। महिलाओं को वापस लौटने को मजबूर किया।







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महिलाएं प्रार्थना में भाग लेंगी
केरल के पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने बुधवार को कहा कि किसी को भी सबरीमाला जाने से रोका नहीं जाएगा। बेहरा ने कहा कि भगवान अयप्पा मंदिर के प्रमुख पुजारी ने घोषणा की है कि राजवंश व तांत्री के परिवार की महिलाएं प्रार्थना में भाग लेंगी।

बेहरा ने मीडिया से कहा कि बरीमाला में व इसके चारों तरफ पुलिस की भारी तैनाती है। बेहरा ने कहा कि निलाक्कल व पंबा में 1000 से ज्यादा पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। पुलिस प्रमुख ने कहा कि किसी को भी रोका नहीं जाएगा और किसी को कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं होगी। सबरीमाला सुरक्षित है और कोई भी आकर पूजा कर सकता है। इससे पहले दिन में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनिल कांत ने कार्यकर्ता व तांत्री परिवार के सदस्य राहुल ईश्वर से मुलाकात की थी। राहुल ईश्वर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं। कांत ने ईश्वर से कहा कि उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि कानून न तोड़ा जाए।

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ईश्वर ने कहा कि हमने अधिकारी से कहा कि हम यहां कोई विवाद पैदा करने के लिए नहीं है। हम यहां बैठकर पूजा कर रहे हैं। शाही व तांत्री परिवारों की महिलाओं सहित वरिष्ठ सदस्य पूजा में भाग ले रहे हैं जो बहुत ही जल्दी निलाक्कल में शुरू होगी। मंदिर के लिए बुधवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। मंदिर का दरवाजा शाम पांच बजे खुलेगा। इसे मासिक पूजा के लिए खोला जाएगा जिसकी समाप्ति 22 अक्टूबर को होगी। सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के बाद मंदिर का दरवाजा पहली बार 10 से 50 साल की महिलाओं के लिए खोला जा रहा है।



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