डीयू की छात्रा ने भाई संग मिलकर रची बच्चे के अपहरण की साजिश

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 13 अक्टूबर 2018, 12:59 PM (IST)

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी के वसंत कुंज इलाके में पुलिस ने तीन साल के बच्चे के अपहरण का मामला सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रथम वर्ष की एक छात्रा और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि 22 साल की छात्रा ने अपने छोटे भाई (18 साल) के साथ मिलकर अपने मकान मालिक के तीन वर्षीय बेटे का अपहरण किया और उससे 5 करोड़ रुपए की फिरौती की मांग की।

पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बहन-भाई दोनों शुरू में बच्चे के पिता से पांच करोड़ रुपये मांग रहे थे लेकिन बाद में बातचीत के बाद राशि को कम कर 50 लाख रुपए कर दिया। पुलिस ने बताया कि बच्चे को 24 घंटे के भीतर बचा लिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक, मकान मालिक यानी बच्चे के पिता फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं। इसलिए उनसे बच्चे को छोडऩे के एवज में 5 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। हालांकि मामला धीरे-धीरे 50 लाख तक आ पहुंचा।

पुलिस ने छानबीन में पता चला कि डीयू की छात्रा अपनी मां और छोटे भाई के साथ किराए के मकान में रहते थे। आरोपी के पिता की मौत हो चुकी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, आरोपी और उसके भाई ने गुरुवार दोपहर को ही बच्चे का अपहरण कर लिया। उन लोगों ने इसकी योजना एक महीना पहले से ही बना रखी थी। अपहरण के बाद जब काफी देर तक बच्चा घर नहीं लौटा तो परिवार वालों ने पुलिस को फोन किया।

वॉट्सऐप नंबर का इस्तेमाल कर मांगी फिरौती...
इसके बाद आरोपी छात्रा ने बच्चे को छोडऩे के एवज में 5 करोड़ रुपए की मांग की। पैसे वॉट्सऐप मैसेज के जरिए मांगे गए थे। जिस वॉट्सऐप नंबर से पैसे की मांग की गई थी, वह नंबर आरोपी छात्रा का नहीं बल्कि क्लोन्ड था।

पुलिस को जांच में पता चला कि जिस नंबर से पैसे मांगे गए हैं वह एक रिक्शा चालक के नाम पर है। पुलिस अभी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि छात्रा ने मकान मालिक को वॉट्सऐप के जरिए कॉल किया और उस जगह के बारे में जानकारी दी जहां से पैसे लेने थे। जब पुलिस ने इस कॉल को ट्रैक किया तो पता चला कि यह मोबाइल एक ऐसे हॉट स्पॉट से कनेक्टेड है, जिससे 9 और फोन भी जुड़े हैं।

इसी बीच पुलिस ने मकान मालिक से कहा कि आप फिरौती की रकम देने के लिए बताए जगह पर पहुंचिए। जब मकान मालिक पैसे देने गए वहां पर सादे कपड़े में पुलिस वाले मौजूद थे। पैसे लेने के बाद आरोपी छात्रा अपने ठिकाने की तरफ चल पड़ी, जहां पर बच्चे को रखा था।

पुलिस वहां पहुंची और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपी छात्रा के साथ-साथ उसके भाई को भी पकड़ लिया। शुरुआत में लडक़ी ने झूठ बोलने की कोशिश की और कहा कि इस मामले में एक तीसरा आदमी भी शामिल है लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तब लडक़ी ने सारी कहानी बता दी।

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