CJI गोगोई ने जजों की छुट्टी पर लगाया बैन, बनाया ये नया प्लान

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2018, 8:09 PM (IST)

नई दिल्ली। देश में सभी अदालतों में लंबित पड़े मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक नया फॉर्मूला इजाद किया है। उन्होंने ‘नो लीव’ प्लान बनाया है, इसके तहत जजों को वर्किंग डेज में छुट्टी नहीं मिलेगी। भारत के त्रिस्तरीय न्यायिक व्यवस्था में जरूरी मामलों के निपटारे के लिए उन्होंने यह प्लान बनाया है। हाल ही में 3 अक्टूबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद की शपथ लेने के बाद ही रंजन गोगोई ने इशारा कर दिया था कि लंबित मामलों के निपटारा के लिए वो कुछ करेंगे।

ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मिलाकर कुल 3 करोड़ मामले लंबित हैं। पदभार ग्रहण करने के एक सप्ताह के भीतर ही उन्होंने हर हाईकोर्ट के कॉलेजियम के सदस्यों से दो सीनियर जजों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी और लंबित मामलों के निपटारे के लिए कुछ सुझाव भी दिए थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इन सुझावों के अलावा उन्होंने हाईकोर्ट के जज और सबऑर्डिनेट कोर्ट जुडिशियल ऑफिसर को वर्किंग डेज में आपात स्थित को छोडक़र छुट्टी नहीं लेने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने जजों को वर्किंग डेज पर सेमिनार का आधिकारिक समारोह में जाने से भी मना किया है। जस्टिस गोगोई को अपने केस फाइलों के प्रति समर्पण के लिए भी जाना जाता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक आधिकारिक पत्र लिखकर कोर्ट के वर्किंग डेज में जजों के टीएलसी लेने पर भी रोक लगा दी है।

इसका मतलब हुआ कि अब जजों को टीएलसी का उपयोग करने के लिए पहले से योजना बनानी होगी और अपने साथी जज और चीफ जस्टिस से बात कर छुट्टी के लिए सामंजस्य बनाना होगा। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के जजों को एक साल में तीन एलटीसी मिलती है, वहीं टॉप ब्यूरोक्रेट्स को चार साल के अंतराल में दो बार एलटीसी मिलती है। इससे पहले सीजेआई पी सदाशिवम 2013-14 में अपने साथी जजों को कोर्ट के वर्किंग डेज के दौरान विदेश दौरे पर नहीं जाने की सलाह दी थी।

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