नई दिल्ली। राहुल गांधी ने यह सवाल दागा था कि भारत की रक्षा मंत्री फ्रांस क्यों गई हैं। उन्होंने उस दौर को राफेल सौदे में होने वाले भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का आरोप लगाया था। इस विरूद्ध रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैरिस में एक प्रेस वार्ता में बताया भारतीय सरकार को नहीं पता था कि दसॉ अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस का चुनाव करेगी।
सीतारमण ने कहा कि यह काफी स्पष्ट है कि फ्रांस की सरकार के साथ हमने 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने का सौदा किया है। उन्होंने बताया कि यह सरकारों के बीच हुआ एक समझौता और इसमें किसी व्यक्ति के फर्म का कहीं भी वर्णन नहीं है। उन्होंने बताया कि यह कंपनी की जवाबदेही बनती है कि वह अपने द्वारा चुने गए पार्टनर्स पर सवालों का जवाब दें। आपको बता दें दसॉ ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि रिलायंस का चुनाव उसने स्वयं किया था।
12 अक्टूबर को रक्षा मंत्री दसॉ एविएशन कम्पनी पहुंचकर राफेल फाइटर जेट बनाने की पूरी जानकारी लेंगी। इसके बाद फ्रांस की मिलिटरी अधिकारियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी। इसी तरह रक्षा मंत्री 13 अक्टूबर को अगर फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मक्रॉन शेड्यूल के मुताबिक अपनी अमेरिका की यात्रा से लौट आए तो संभावित तौर पर उनसे मुलाकात करेंगी। इसके बाद फ्रांस की मिलिटरी सुविधाओं, नेवी बेस का दौरा करेंगी।
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उल्लेखनीय है कि कांग्रेस राफेल सौदे में भारी अनियमितताओं पर
आक्रोशित होकर आरोप लगा रही हैं। काग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि 1670
करोड़ रुपए प्रति विमान की दर से राफेल खरीद रही है जबकि मनमोहन सरकार ने
इस विमान की कीमत 526 करोड़ रुपए प्रति राफेल तय हुई थी। कांग्रेस दसॉ के
ऑफसेट पार्टनर के तौर पर रिलायंस डिफेंस के चयन को लेकर भी सरकार को निशाना
पर लिए हुए है।
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