आंदोलन में करीब 100 किसान, 7 पुलिस जवान घायल, गाजियाबाद में कल स्कूल बंद

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 02 अक्टूबर 2018, 8:09 PM (IST)

नई दिल्ली/गाजियाबाद। पूर्ण ऋण माफी और विद्युत दरों में कमी सहित अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर ‘किसान क्रांति यात्रा’ के बैनर तले हरिद्वार से रवाना हुए किसानों के मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर पहुंचने पर वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा। राजघाट तक जाने और वहां से संसद तक मार्च की योजना बनाए किसानों और पुलिस के बीच हिंसक संघर्ष देखने को मिला।
पुलिस के मुताबिक किसानों ने इस दौरान पत्थरबाजी की। इसके जवाब मेें पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें छोड़ीं। लाठियां भी चलानी पड़ीं और रबड़ की गोलियां भी दागी गईं। ट्रैक्टरों के तार काट दिए। पहियों की हवा निकाल दी। करीब आधे घंटे तक अफरातफरी जैसे हालात में 100 से ज्यादा किसानों के चोंटें आईं, कुछ गंभीर भी हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस के एक ACP समेत 7 पुलिसकर्मी घायल हुए।
इस दौरान किसानों से बातचीत की कोशिश भी की गई, लेकिन सरकार से मिले आश्वासनों को किसान संगठनों ने अब तक नहीं माना है। बुधवार को भी आंदोलन जारी रहने की संभावना के मद्देजनर गाजियाबाद में स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। इस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। किसानों को प्रदर्शन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश में सरकार ने घोषणा की कि मुख्यमंत्रियों की एक समिति उनकी मांगों पर विचार करेगी, लेकिन प्रदर्शनकारी जमे रहे और उन्होंने कहा कि वे आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं, प्रदर्शन जारी रखेंगे।केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से बात की, जिसके बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदर्शनकारियों को उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया, लेकिन भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत इससे सहमत नहीं हुए। उन्होंने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। हम इस पर बात करेंगे और आगे का रुख तय करेंगे। इस बारे में हमारी समिति ही फैसला करेगी।
हालांकि कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। उधर, दिल्ली पुलिस इस आरोप को खारिज कर रही है। इस दौरान दिल्ली पुलिस के करीब 2500 जवान और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात रहे।



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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले बताया कि ट्रैक्टरों-ट्रॉलियों में भरकर आए किसान उत्तर प्रदेश पुलिस के बैरिकेड तोड़कर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए अवरोधकों की ओर बढ़ने लगे। इस कारण प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पानी की तेज बौछारें छोड़नी पड़ीं। किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस का इस्तेमाल भी किया गया।

इस प्रदर्शन और मार्च के मद्देनजर शहर पुलिस ने सोमवार को ही पूर्वी और उत्तर पूर्व दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। धारा 144 आठ अक्टूबर तक लगी रहेगी।

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