नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक के
समय सेना प्रमुख रहे जनरल (सेवानिवृत्त) दलबीर सिंह सुहाग ने बुधवार को
यहां कहा कि जरूरत पड़ने पर भारतीय सेना दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती
है और आगे जरूरत हुई तो बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक की जाएगी।
पूर्व सेना प्रमुख ने यहां न्यूज18 इंडिया से खास बातचीत में कहा, "बिना
किसी दुर्घटना के 2015 का म्यांमार ऑपरेशन बहुत सफल रहा था। उस समय यकीन हो
गया था कि अगर पश्चिमी सीमा पर कोई बड़ी घटना होती है तो जनता और सरकार
हमसे ऐसे ही ऑपरेशन की उम्मीद करेगी।"
उल्लेखनीय है कि उरी आतंकी
हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जबाव दिया था। सेना ने
नियंत्रण रेखा के उस पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया और कई
आतंकियों को मार गिराया और उनके ठिकाने भी ध्वस्त कर दिए थे।
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जनरल
सुहाग ने आगे कहा, "उरी की खबर मिलने की बाद मेरे जहन में आया कि जवानों का
बलिदान व्यर्थ नही जाने देंगे। हमारे पास 15 महीने की ट्रेनिंग थी। मैंने
अपने कमांडर्स को बताया कि जैसे ही राजनीतिक मंजूरी मिलेगी, हम पाकिस्तान
के अंदर जाके सर्जिकल स्ट्राइक्स करेंगे।"
प्रधानमंत्री से अनुमति
मिलने के बारे में उन्होंने कहा, "हमने उन्हें ब्रीफ करते हुए काफी विकल्प
दिए थे। पर्याप्त चर्चा के बाद प्रधानमंत्री ने स्ट्राइक्स करने की अनुमति
दे दी थी। यह उनका बहुत साहसी फैसला था।"
उन्होंने कहा कि उरी आतंकी
हमले का जबाव देने के लिए सेना के पास कई विकल्प थे, लेकिन सर्जिकल
स्ट्राइक को तरजीह दी गई। इस बारे में उन्होंने बताया, "म्यांमार ऑपरेशन के
बाद पाकिस्तान ने कहा था कि वह म्यांमार नही है। उसने कहा था कि अगर कोई
हमारी सरहद पार करेगा तो वापस नहीं जाएगा।"
जनरल सुहाग ने कहा, "इस
ऑपरेशन से हमने दिखा दिया कि हम में इतनी काबिलियत है कि अंदर घुस कर, खुद
बिना किसी नुकसान के उनको भारी नुकसान पहुंचा कर वापस आ सकते हैं।"
पूर्व
सेना प्रमुख के अनुसार, इस ऑपरेशन से भारत ने संदेश दिया कि दुश्मन अपनी
जमीन पर भी सुरक्षित नहीं है। भारतीय सेना जब चाहे जिस जगह चाहे, जैसे चाहे
सर्जिकल स्ट्राइक्स कर सकती है।
उन्होंने कहा, "पहला लक्ष्य था,
सर्जिकल स्ट्राइक कामयाब रहे और दूसरा लक्ष्य था, सेना का कोई भी नुकसान न
हो। यहां तक कि किसी भी कीमत पर घायल को पीछे नहीं छोड़ने का हुक्म था।"
सेना की फिटनेस के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार साल में सेना की फिटनेस में काफी सुधार हुआ है।
जनरल
सुहाग ने कहा, "हमने निर्णय लिया था कि जबतक जवान शारीरिक तौर पर फिट नहीं
हो जाता, तबतक उसको प्रमोशन नहीं मिलेगा और सेना में पुरस्कार भी नहीं
मिलेगा। उन्हें न तो विदेशी असाइनमेंट पर भेजा जाएगा, न संयुक्त राष्ट्र के
किसी काम के लिए चुना जाएगा।"
-- आईएएनएस
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