‘सच पूछिए तो मेरा ध्यान अपने प्रदर्शन पर है, पुरस्कार पर नहीं’

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 26 सितम्बर 2018, 1:16 PM (IST)

नई दिल्ली। इस साल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीट जिनसन जॉनसन को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वे 1500 मीटर रेस में हमवतन मनजीत सिंह को पछाड़ देंगे। जॉनसन ने मनजीत को पछाडक़र पुरुषों की 1500 मीटर रेस का सोना अपने नाम किया। इसके अलावा, उन्होंने 800 मीटर रेस में रजत पदक भी हासिल किया। केरल के 27 वर्षीय धावक जॉनसन को 800 मीटर स्पर्धा में मनजीत के आगे निकल जाने के कारण रजत से संतोष करना पड़ा।

ऐसे में उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वे 1500 मीटर रेस में मनजीत को पछाड़ पाएंगे। जॉनसन 18वें एशियाई खेलों में 800 मीटर रेस में एक समय स्वर्ण के करीब थे, लेकिन भारत के ही मनजीत सिंह ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण अपने नाम कर लिया। मनजीत आखिरी 200 मीटर तक पांचवें स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने चतुराई से अपनी रफ्तार बढ़ाई और जॉनसन तथा कतर के अब्दुला अबु बकर को पछाड़ स्वर्ण अपने नाम किया था।

रियो ओलम्पिक में हिस्सा ले चुके जॉनसन ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, मैं शुरू से ही बस यह सोचकर दौड़ रहा था कि मुझे अपने लक्ष्य को हासिल करना है। मैंने मनजीत के आगे निकल जाने की उम्मीद नहीं थी। साल 2015 एशियाई चैम्पियनशिप में 800 मीटर रेस का रजत जीतने वाले जॉनसन ने मनजीत की प्रशंसा करेत हुए कहा कि मेरे साथी मनजीत काफी अच्छे एथलीट हैं और उन्होंने उस समय अपने प्रदर्शन से इसे साबित भी कर दिखाया। जॉनसन 2007 से ही दौड़ में हिस्सा ले रहे हैं। वे 2009 में भारतीय सेना से जुड़े थे और सेना में रहकर ही वह लगातार अच्छा प्रर्शन कर रहे हैं।


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उन्होंने कहा कि भारतीय सेना से जुडऩे के बाद करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें दौड़ में ज्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा था। बकौल जॉनसन, एथलेटिक्स में उतरने के बाद से मैंने अपने गांव में केवल एक साल का ही अभ्यास किया था। भारतीय सेना में नौकरी मिलने के बाद मेरे लिए आगे की राह काफी आसान हो गई, क्योंकि वहां पर मुझे कई तरीके की सुविधाएं मिलने लगीं। जॉनसन ने 2015 में ही थाईलैंड में हुई एशियाई ग्रांप्री में कुल पांच पदक अपने नाम किए थे।

इन पांच पदकों में तीन स्वर्ण और दो रजत पदक शामिल हैं। जॉनसन को एथलेक्सि में शानदार उपलब्धि के लिए मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनका कहना है कि पुरस्कार एक खिलाड़ी के अच्छे प्रदर्शन का नतीजा होते हैं। उन्होंने कहा, सच पूछिए तो मेरा ध्यान अपने प्रदर्शन पर है, पुरस्कार पर नहीं। अगर आप अपने क्षेत्र में अच्छा करते हैं तो ही आप पुरस्कार के दावेदार हो सकते हैं। इस समय मैं अपने प्रदर्शन पर ध्यान दे रहा हूं।

हां, पुरस्कार से आपका आत्मविश्वास जरुर बढ़ता है और आपको अपने खेल में और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। अपनी आगे की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर केरल के कोझिकोड़ जिले के निवासी जॉनसन ने कहा कि अभी वह अगले एक-दो माह आराम करेंगे और इसके बाद विश्व चैम्पियनशिप और टोक्यो ओलम्पिक-2020 के लिए तैयारियां शुरू कर देंगे।

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