अभी और बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, मुंबई में 90.22 रुपए हुआ पेट्रोल

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 25 सितम्बर 2018, 08:54 AM (IST)

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दाम अभी कम नहीं और बढ़ेंगे। वजह कि प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन बढ़ाने से इनकार करना है। उनके इस निर्णय से कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया। ग्लोबल ऐनलिस्टों का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान से आपूर्ति घटने के बाद कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने के आसार नजर आ रहे हैं।

मंगलवार को मुंबई में पेट्रोल की कीमत 90.22 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल बढ़कर 78.69 रुपये प्रति लीटर हो गया। दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें क्रमश: 82.86 और 74.12 रुपये प्रति लीटर हो गई है। सरकार पहले ही खजाने की हालत का हवाला देकर एक्साइज ड्यूटी घटाने से मना कर चुकी है।

रूस की अगुवाई में तेल उत्पादक और निर्यातक देशों (OPEC) और उनके सहयोगियों ने पिछले हफ्ते फैसला किया था कि वे प्रतिबंध से प्रभावित ईरान से आपूर्ति में होने वाली किसी भी कमी को पूरा करने के लिए उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे। इसके बाद सोमवार को क्रूड ऑइल प्राइस 2 डॉलर प्रति बैरल चढ़कर 81 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई।

सऊदी अरब ने दलील दी है कि आपूर्ति को लेकर ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसकी वजह से उत्पादन में अतिरिक्त इजाफा करना पड़े और सभी देशों को अपनी जरूरत के मुताबिक क्रूड ऑइल मिल रहा है। OPEC के फैसले को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है, जो तेल की कीमतों पर काबू पाने के तत्काल आपूर्ति बढ़ाने की मांग कर रहे थे। पेट्रोलियम संबंधित प्रतिबंधों के चलते ईरान से ऑइल एक्सपोर्ट तेजी से घट रहा है, जो 4 नवंबर से प्रभावी होगा।

ओपेक और सहयोगियों के उत्पादन बढ़ाने से इनकार करने के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगले साल की शुरुआत तक क्रूड ऑइल 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकता है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, ट्रेफिगुरा के को-हेड (ऑइल ट्रेडिंग) बेन लुकॉक ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा है कि क्रिसमस तक क्रूड ऑयल 90 डॉलर प्रति बैरल और 2019 की शुरुआत में $100 प्रति बैरल तक जा सकता है। गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत का करीब 83 पर्सेंट क्रूड ऑइल इंपोर्ट करता है। इसकी मुश्किलें डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहे रुपये की वजह से भी बढ़ रही है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 72.50 के स्तर पर आ गया था।

भारत घटा सकता है आयात
कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमत और गिरता रुपया दोनों ही इस वक्त भारत की परेशानी बने हुए हैं। इससे निपटने के लिए आनेवाले दिनों में सरकार कोई ठोस कदम उठा सकती है। इसमें तेल के आयात में कमी करने पर भी विचार किया जा रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और भारत ईरान से बड़ी मात्रा में तेल खरीदता है।

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