तो ठप हो सकती है प्रदेश की पूरी बिजली व्यवस्था ... कैसे देखें वीडियो

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 18 सितम्बर 2018, 7:21 PM (IST)

जयपुर। विद्युत विभाग में कार्यरत बिजली कर्मचारी (अभियंता एवं कर्मचारियों) की पांच सूत्री मांग को लेकर सोमवार से शुरू हुआ अनिश्चितकालीन महापड़ाव मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। महापड़ाव के दूसरे दिन कर्मचारियों ने अर्द्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया और मांगें नहीं माने जाने तक सभी कर्मचारियों ने भूख हड़ताल करने सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी।

पांच सूत्री मांगों को लेकर चल आंदोलन एवं राज्य सरकार द्वारा बार-बार दिए जा रहे आश्वासन के बावजूद मांगों का निदान नहीं करने के विरोध में राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच के बैनर तले 17 सितंबर से शुरू हुआ महापड़ाव मंगलवार को भी जारी रहा। महापड़ाव को दूसरे दिन जलदाय विभाग, जयपुर मेट्रो, जयपुर जेडीए, नगर निगम जयपुर, राजस्थान कर्मचारी महासंघ ने समर्थन दिया। उनके अभियंता एवं कर्मचारी भी महापड़ाव में शामिल हुए। मंगलवार को निगम प्रशासन द्वारा वार्ता के लिए नहीं बुलाने एवं ग्रेड पे के आदेश जारी नहीं होने से आक्रोशित कर्मचारियों ने महापड़ाव स्थल पर ही अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। साथ ही निगम प्रशासन एवं राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही मांगों पर जल्द आदेश जारी नहीं होने की स्थिति में महापड़ाव में उपस्थित सभी कर्मचारियों ने भूख हड़ताल करने सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी।
राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया गया तो प्रदेश की बिजली व्यवस्था चौपट हो सकती है। उधर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एशोसिएशन के प्रदेश महामंत्री शंकर लाल सैनी ने कहा है कि आज अगर सरकार नहीं चेती तो बुधवार को यहां सभी 21 हजार कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे। आपको बता दें कि अब तक 11 हजार कर्मचारियों के भूख हड़ताल पर बैठने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना हुआ है।

मंगलवार को राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच की ओर से आयोजित इस महापड़ाव में इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बजरंगलाल मीणा, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर, बेजोड़ के महासचिव राकेश वर्मा, पीयर्स के घनश्याम गुर्जर, एटक के केशव व्यास, आरआरवीकेएफ इंटक के एस.पी. शर्मा, केएमएस के रामकुमार व्यास, युसुफ कुरैशी सहित संगठनों के प्रदेशभर से नेता महापड़ाव में पहुंच चुके थे।
दूसरे दिन नहीं हुई वार्ता


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राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच द्वारा सोमवार से शुरू हुए अनिश्चितकालीन महापड़ाव के पहले दिन पहले दौर की वार्ता विफल रहने के बाद मंगलवार को उम्मीद थी कि दूसरे दौर की वार्ता निगम प्रशासन द्वारा की जाएगी, लेकिन दूसरे दिन मंगलवार को निगम प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया। इससे आंदोलन के खत्म होने को लेकर कोई आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं।

निलंबन आदेश से भड़का गुस्सा



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राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच द्वारा किए जा रहे आंदोलन के दूसरे दिन निगम प्रशासन द्वारा वार्ता नहीं किए जाने एवं आंदोलन को दबाने के लिए कर्मचारी नेताओं के निलंबन के आदेश जारी करने से कर्मचारियों का गुस्सा भड़क गया। ऐसे में कर्मचारियों द्वारा प्रशासन के इस तुगलकी आदेश का विरोध जताया और इस तरह की कार्रवाई आगे जारी रहने पर हजारों कर्मचारियों द्वारा सामूहिक भूख हड़ताल करने सहित आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी गई।

यह हैं प्रमुख मांगें

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राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच द्वारा तैयार मांग पत्र में आईटीआई प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड पे 2400 देने, कनिष्ठ अभियंताओं को अन्य विभागों की तरह ग्रेड पे 4800 देने, अधिमानता के आधार पर हायर सैकेंडरी उत्तीर्ण अनुकंपात्मक कर्मचारियों को लिपिक बनाने, विद्युत निगमों में वेतन श्रृंखला 1 से 6 तक कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों की पदोन्नति 3 वर्ष में अनिवार्य रूप से करने, 2 से 6 पे स्केल तक के तकनीकी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची निगम स्तर पर बनाने की मांग प्रमुख हैं।


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इसी क्रम में 2004 के पश्चात भर्ती सभी कर्मचारियों पर लागू मेडिक्लेम पॉलिसी को कैशलेस करने, पांचों निगमों में बकाया प्रोत्साहन राशि का वितरण करने, पेंशन, फंड, पीएमसीएफ फंड में सभी निगमों की बकाया राशि प्रति माह नियमित भुगतान करने, 2004 के पश्चात भर्ती हुए कर्मचारियों को पूर्व के समान पेंशन लागू करने, पांचों निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए पारस्परिक स्थानान्तरण नीति लागू करने, फीडर इंचार्ज के नाम पर तकनीकी कर्मचारियों का शोषण बंद करने की मांग शामिल हैं।
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