नई दिल्ली। भारतीय पहलवान सुनील कुमार ने दक्षिण कोरिया के चुंग्जू शहर में समाप्त हुए 13वें विश्व फायरफाइटर गेम्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। सुनील ने यह स्वर्ण पदक पुरुषों की 86 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा में हासिल किया। इस टूर्नामेंट का समापन चुंग्जू शहर में 17 सितंबर को हुआ। यह नौ सितंबर से आयोजित हुआ था।
इसमें सुनील ने फाइनल में ईरान के मुहम्मद अमद को 7-4 के स्कोर से मात देकर सोने पर कब्जा जमाया और भारत को गौरवान्वित किया। सुनील पहली बार इन खेलों में हिस्सा लेने गए थे और अपनी पहली ही कोशिश में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर नई उपलब्धि हासिल की। भारत ने भी एक टीम के रूप में इन खेलों में पहली बार हिस्सा लिया था।
इससे पहले भारतीय खिलाड़ी व्यक्तिगत रूप में टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जाते थे। भारत इन खेलों में सातवें स्थान पर रहा। भारत ने इस टूर्नामेंड में कुल 14 स्वर्ण, 16 रजत और 18 कांस्य पदक जीते। इसमें 75 देशों के 7000 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया था और 75 टीमों ने इसमें शिरकत की।
जूनियर कैडेट ओपन में पयास-विश्वा को कांस्य
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वाराजदिन (क्रोएशिया)। भारत के युवा टेबल टेनिस खिलाड़ी पयास जैन और विश्वा
दीनदयाल की जोड़ी ने यहां जूनियर एवं कैडेट ओपन चैम्पियनशिप की बालकों की
टीम स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम किया है। भारतीय जोड़ी ग्रुप-5 में
चेकगणराज्य-मिस्र और चिली-मैक्सिको के साथ रखा गया है। भारतीय जोड़ी ने इन
सभी टीमों को 3-0 के समान स्कोर से मात देकर अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान
हासिल किया। क्वार्टर फाइनल में हंगरी के खिलाफ हालांकि इस जोड़ी को अच्छी
शुरुआत नहीं मिली।
विश्वा अपना पहला एकल मुकाबला हार गए। उन्हें मेट ओस्काई
ने 3-0 से हराया। पयास ने हालांकि अगले एकल मुकाबले में एरिक हुजस्वार को
मात देकर बराबरी की। युगल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने 3-0 से जीत हासिल
की। लेकिन इसके बाद पयास ओस्काई के खिलाफ 2-3 से मुकाबला हार बैठे।
सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए विश्वा को मैच जीतना ही था। उन्होंने रोचक
मुकाबले में एरिक को 3-2 से हरा दिया।
सेमीफाइनल में भारतीय टीम का सामना
चीन की टीम से था। लेकिन भारतीय टीम यह मैच नहीं जीत सकी और चीन ने उसे 3-0
से मात दे कांस्य पदक तक ही रोक दिया। अन्य स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ी
क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं जा सके। पयास (कैडेट बालक वर्ग), रेगान
अल्बुरक्वेक्वे और मानुष शाह (जूनियर बालक युगल), दिया चाइताले और
स्वास्तिका घोष (जूनियर बालिका युगल), तथा विश्वा पयास (जूनियर बालक युगल)
में अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों से हार गए।
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