चीनी सरकार मुसलमानों के बाद अब ईसाइयों पर दिखाने लगी सख्ती

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 15 सितम्बर 2018, 5:02 PM (IST)

पुयांग। चीन की वामपंथी सरकार का मानना है कि धर्म एक अफीम है जो लोगों को दिल बहलाने के लिए दिया जाता है। इसी को ध्यान में रखकर चीन के धर्मों को चीनी हिसाब से विकसित करने और विकास परियोजनाओं के लिए प्राचीन इलाकों को ढहाने का अभियान तेज करने के लिए हेनान प्रांत में रोमन कैथोलिक समुदाय के पास प्रार्थना करने के लिए कोई जगह नहीं बची है। मध्य चीन में कैथोलिक चर्च के बाहर लगे एक सरकारी साइन बोर्ड पर बच्चों को प्रार्थना में भाग नहीं लेने की चेतावनी भी दी गई है। अवैध चर्च गिराए जा रहे हैं।

पादरी अपने समुदाय के लोगों की निजी सूचना अधिकारियों को देने के लिए मजबूर किया जाता है। चीन में इससे पहले मुसलमानों के लिए ऐसा महौल बनाया गया था। अब चीन में ईसाइयों के लिए ऐसा ही माहौल तैयार किया जा रहा है। इस अभियान को और तेज किया जा रहा है। सन् 1951 में वेटिकन और पेइचिंग के आपसी सम्बंध बहुत खराब हो गए थे। अब सुधार आया है और पेइचिंग के बिशप की नियुक्ति के अधिकार को लेकर जारी विवाद सुलझता दिख रहा है। इस विवाद के चलते चीन के करीब 1 करोड़ 20 लाख कैथोलिक दो समूहों में आपस में बंट गए हैं। एक समूह सरकार की ओर से मंजूर धर्माधिकारी को मानता है और दूसरा वह जो रोम समर्थक चर्च के स्वीकृत नियमों के अनुसार चलता है।

चर्च के शीर्ष पर से क्रॉस हटा लिए गए हैं, मुद्रित धार्मिक सामग्रियों और पवित्र चीजों को जब्त कर लिया गया है और चर्च की ओर चलवाई जा रही केजी स्कूलों को बंद करवा दिया है। चर्च से राष्ट्रीय झंडा फहराने और संविधान को प्रदर्शित करने को कहा गया है। सार्वजनिक स्थानों से धार्मिक प्रतिमाओं को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

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