अब लोंगेवाला औऱ हल्दीघाटी के वार दिखा कर पर्यटकों को लुभाएंगे

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 13 सितम्बर 2018, 10:58 PM (IST)

भरतपुर। राजस्थान के इतिहास में अनेक युद्ध हुए हैं जो राज्य की विरासत एवं संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इन ऐतिहासिक युद्धों में प्रदर्शित बहादुरी एवं साहस के कारण उत्पन्न भावनात्मक लगाव आम लोगों को आकर्षित करते हैं।

यदि ऐतिहासिक युद्धभूमियों पर उपयुक्त बुनियादी ढांचा बनाया जाए तो राज्य में बैटलफील्ड टूरिज्म में सकारात्मक रूझान प्राप्त हो सकते है। यह कहना था साउथवेस्टर्न कमांड के आर्मी कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश माथसन का। वे आज भरतपुर में लक्ष्मी विलास पैलेस में इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) के 7वें कन्वेंशन में ‘बैटलफील्ड टूरिज्म‘ पर आयोजित सैशन में सम्बोधित कर रहे थे।
राज्य में बैटलफील्ड टूरिज्म की शुरूआत करने के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बैटलफील्ड टूरिज्म को पर्यटन क्षेत्र की उप-शैली अथवा उप-श्रेणी के रूप में मानना चाहिए। युद्धक्षेत्रों तक लोगों की पहुंच को सुलभ बनाया जाना चाहिए तथा होटल एवं परिवहन सेवाएं जैसा बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाना चाहिए। राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र में यह अनूठा प्रयोग लोगों के रूझान जानने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त शिक्षित टूरिस्ट गाइडों का निकाय भी बनाया जाना चाहिए, जिन्हें विभिन्न युद्धों के बारे में गहरी जानकारी होनी चाहिए। पर्यटकों को जानकारी उपलब्ध करने वाले इन टूरिस्ट गाइडों को बहुभाषी भी होना चाहिए।

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लेफ्टिनेंट जनरल ने जैसलमेर के ‘वार म्यूजियम‘ के बारे में बताया जिसे देखने अनेक पर्यटक आते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ विशेष दिनों पर ‘वार म्यूजियम‘ देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या जैसलमेर के किले पर आने वालों से अधिक होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि ‘लोंगेवाला‘ जैसे बैटलफील्डस् को पर्यटन के महत्वपूर्ण केंद्रों के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने हल्दीघाटी, चित्तौड़गढ़ एवं जोधपुर की युद्धभूमियों के महत्व की भी जानकारी दी, जहां अद्भुत बहादुरी एवं साहस से भरपूर खूनी संघर्ष हुए थे।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा न्यूजलैटर ‘द यंग टर्क्स ऑफ आईएचएचए‘ का विमोचन भी किया गया।

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