इलाहाबाद।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर
उर्फ रावण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार चंद्रशेखर उर्फ रावण
सहित अन्य आरोपियों को समय से पहले रिहा करेगी। समयपूर्व रिहाई के लिए
सरकार की ओर से सहारनपुर के डीएम को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। रावण को
पहले एक नवंबर को रिहा किया जाना था।
यूपी सरकार द्वारा जारी प्रेस
विज्ञप्ति में कहा गया गया है कि चंद्रशेखर उर्फ रावण की माता के
प्रत्यावेदन एवं वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार
द्वारा सहानुभूति पूर्वक समय पूर्व रिहाई का निर्णय लिया गया है।
वहीं भीम
आर्मी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजीत नौटियाल का कहना है कि सहारनपुर के डीएम
ने जानकारी दी है कि चंद्रशेखर की रिहाई शुक्रवार को हो जाएगी।
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आपको बता दें कि भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ‘रावण’ को 2017 के सहारनपुर
दंगों में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में जून 2017 में गिरफ्तार किया
गया था। चंद्रशेखर पर जातीय दंगे फैलाने का आरोप था बाद में उन्हें
इलाहाबाद हाइकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
बाद में राज्य सरकार ने उन पर
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के
तहत सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 12 महीने तक प्रशासनिक हिरासत
में लेने की इजाजत होती है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ भीम आर्मी ने
इलाहाबाद हाइकोर्ट में भी अपील की थी जो खारिज हो गई थी।
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बता दे, पिछले साल मई माह में सहारनपुर जिले में हुई जातीय हिंसा में कुल
छह लोगों पर रासुका लगाया गया था, जिसमें तीन आरोपियों बडग़ांव थाना क्षेत्र
के अम्बेहटा चांद निवासी सोनू उर्फ सोनपाल, सुधीर और विलास उर्फ राजू को
इस साल छह और सात जुलाई को रिहा किया गया था।
इस हिंसा में सहारनपुर के
शब्बीरपुर गांव में राजपूतों और दलितों के बीच हुए संघर्ष में कथित तौर पर
दलितों के घर जला दिए गए थे। इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि 30 से
ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
चंद्रशेखर की रिहाई को लेकर भीम आर्मी के
सदस्य समय-समय पर विरोध प्रदर्शन भी करते रहे हैं। कुछ समय पहले भीम आर्मी
ने जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन किया था।
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