सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री से पूछा उन्नीसवां सवाल... जानें क्या?

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 07 सितम्बर 2018, 7:42 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आज उन्नीसवां प्रश्न पूछा है कि सरकारी बिजलीघरों को बंद कर निजी कंपनियों को 26800 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाकर सरकारी कोष को चूना लगाने पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं?
पायलट ने कहा कि पिछले पौने पांच साल में जनता की गाढ़ी कमाई से बने सूरतगढ़, छबड़ा और कोटा के थर्मल पावर प्लांट्स को बेचने की खबरें निरंतर आती रही हैं। कई बार लंबे अंतराल तक हर एक पावर प्लांट की एक, दो या तीन यूनिट बंद रखी गई, जिससे एक तरफ तो सरकारी पावर प्लांट घाटे में आ गए और दूसरी तरफ निजी कंपनियों के पॉवर प्लांट को फायदे पहुंचाने के लिए सरकार निर्बाध रूप से बिजली खरीदती रही और सरकारी खजाने का नुकसान पहुंचाती रही।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में 26800 करोड़ की बिजली निजी कंपनियों से खरीदी, जिसका आसानी से सरकारी पावर प्लांट्स में उत्पादन हो सकता था। उन्होंने कहा कि फायदे में चल रहे कोटा थर्मल प्लांट के निजीकरण का भाजपा सरकार का प्रयास कोटा की जनता और मजदूर संघों के दबाव में विफल हो गया तो अब भाजपा सरकार सूरतगढ़ ताप बिजलीघर में 250 मेगावाट की पांच यूनिट के लिए आरक्षित कोयले को अन्यत्र भेजकर 1250 मेगावाट के उत्पादन से प्रदेश को वंचित रखना चाहती है।



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उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीयत से लगता है कि सरकार की कॉरपोरेट के साथ मिलीभगत है, जिसके चलते सरकारी इकाइयों को सरकार ठप करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सूरतगढ़ ताप बिजलीघर में 2016-17 में 167 करोड़ एवं 2017-18 में 272 करोड़ का लाभ अर्जित किया गया था तथा वर्ष 2000 से 2015 तक भारत सरकार से सूरतगढ़ ताप बिजलीघर को निरंतर गोल्ड मेडल प्राप्त होता रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सूरतगढ़ ताप बिजलीघर की पांच यूनिट बंद की जाती हैं तो 20 हजार मजदूरों व व्यापारियों के रोजगार बंद हो जाएंगे।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को एक-एक बिजलीघर के बारे में सारी स्थिति पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक करते हुए बताना चाहिए कि कौनसे बिजलीघर कितने दिन बंद रहे, कौनसे बिजलीघरों को निजी कम्पनी को देने की प्रक्रिया किस स्तर पर जारी है और कौनसे बिजलीघर भाजपा सरकार बेच चुकी है।

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