पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने 18वें सवाल में क्या पूछा, यहां पढ़ें

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 06 सितम्बर 2018, 7:08 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अठारवां प्रश्न पूछा है कि ‘‘मनरेगा में आपके कार्यकाल में साल दर साल घटते मानव दिवस और बढ़ते अधूरे कार्यों से प्रदेश की कमजोर होती ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं?’’


पायलट ने कहा कि वर्ष 2013 में भाजपा के सत्तारूढ़ होते ही केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर नरेगा कानून का न केवल विरोध किया गया था वरन् कानून को कमजोर करने के लिए उसे योजना में परिवर्तित करने की अभिशंषा भी की गई थी। यह मुख्यमंत्री की मनरेगा के तहत् रोजगार के अधिकार कानून को कमजोर बनाने का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के शासन में पिछले तीन सालों से मनरेगा में सौ दिन का रोजगार पूरा करने वाले परिवारों की संख्या में गिरावट आ रही है, जहॉं 2015-16 में ऐसे परिवार 4.68 लाख थे, वही 2016-17 में 4.27 लाख एवं 2017-18 में केवल 2.28 लाख परिवार ही ऐसे थे जिन्हें सौ दिन रोजगार मिला।


इतना ही नहीं मनरेगा में शुरू किए गए ग्रामीण विकास के कामों को पूरा करने के मामले में भाजपा सरकार ने चरम स्तर पर लापरवाही बरती है जिसका परिणाम यह है कि 2015-16 में जहॉं कार्य पूर्ण करने की दर 95 प्रतिशत थी वहीं 2016-17 में यह दर 47 प्रतिशत रह गई और 2017-18 में तो मात्र 18 प्रतिशत काम ही पूरे हो पाये हैं। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि प्रदेश में 2.55 लाख कार्य स्वीकृत होने के बावजूद अब तक प्रारम्भ नहीं हो पाये हैं, वहीं 4.79 लाख ग्रामीण विकास कार्य या तो निलम्बित कर दिये गये हैं या प्रक्रिया में उलझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामी और केन्द्र की एनडीए सरकार की राजस्थान के प्रति भेदभावपूर्ण नीति के कारण हर वर्ष बकाया भुगतान बढ़ रहा है जिसका एक उदाहरण यह है कि चालू वर्ष 2018-19 में प्रथम पांच महिनों में ही विलम्बित भुगतान राशि 340 करोड़ रूपये हो गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की मनरेगा विरोधी सोच के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सम्बल देने वाली सबसे महत्वपूर्ण कानून के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि क्या उनकी उक्त सोच प्रदेश के गौरव को बढ़ा रही है।

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