नई दिल्ली। जकार्ता में हुए 18वें एशियाई खेलों में पूरे देश को पुरुष हॉकी टीम से स्वर्ण पदक की आस थी लेकिन सेमीफाइनल में मलेशिया के खिलाफ मिली अप्रत्याशित हार के कारण करोड़ों देशवासियों को निराशा मिली। भारतीय हॉकी टीम के फॉरवर्ड एस.वी सुनील का मानना है कि उनकी टीम आगामी विश्व कप में पिछले टूर्नामेंट की गलतियों को नहीं दोहराएगी और अच्छा प्रदर्शन करते हुए 1975 के बाद पहली बार टूर्नामेंट का खिताब जीतने का प्रयास करेगी।
एक फॉरवर्ड खिलाड़ी के रूप में सुनील कई वर्षों से भारतीय टीम का अहम हिस्सा रहे हैं और उनके कमजोर पडऩे से टीम भी कमजोर नजर आती है। उनका कहना है कि एशियाई खेलों में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इससे टीम भी आहत है और अपनी गलतियों पर काम करते हुए यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि विश्व कप जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में पुरानी गलतियों को नहीं दोहराए।
जकार्ता से कांस्य पदक लेकर लौटे सुनील ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, मलेशिया हमसे बेहतर खेल नहीं खेला बल्कि हम अपनी गलतियों के कारण मैच गंवा बैठे। हर टूर्नामेंट में एक बुरा दिन होता है और हमारे लिए वह बुरा दिन था। हम अगर स्वर्ण पदक जीतते तो ओलम्पिक के लिए भी क्वालीफाई कर पाते लेकिन अब हमें थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। सुनील ने कहा, इस बार विश्व कप भारत में हो रहा है और अब यह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है।
1975 के बाद से हम विश्व कप के खिताब पर कब्जा नहीं कर पाए हैं इसलिए हमारा लक्ष्य यही है कि टूर्नामेंट में पूरी तरह से तैयार होकर जाएं और पुरानी गलतियों को दोहराए बिना खिताबी जीत दर्ज करें। सेमीफाइनल मुकाबले से पहले भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन किया और सामने आने वाली हर टीम को बुरी तरह धूल चटाई। हालांकि, सुनील टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाए। उन्होंने माना कि व्यक्तिगत रूप से वह अपने प्रदर्शन से खुश नहीं है और खुद को जल्द ही बेहतर करेंगे।
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सुनील ने कहा, मैं अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन से खुश नहीं हूं। मैं कुछ मैचों
में अच्छा खेला लेकिन कुछ एक बड़े मैचों में मेरा प्रदर्शन बेहतर नहीं
रहा। मैं गलतियों को न दोहराने की कोशिश करूंगा। मैं आगामी राष्ट्रीय कैम्प
में वीडियो देखकर अपने खेल का विश्लेषण करूंगा और मेरे खेल में जो भी
खामियां हैं उसे दूर करने की कोशिश करूंगा। मैं विश्व कप जैस टूर्नामेंट के
लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहता हूं। सुनील ने टूर्नामेंट में भारतीय
टीम द्वारा पेनल्टी कॉर्नर पर अधिक गोल किए जाने पर भी खुशी जताई।
उन्होंने
कहा कि कैम्प में इस दिशा में काफी काम किया गया था। बकौल सुनील, हमने
टूर्नामेंट में भाग लेने से पहले बैंगलोर में हुए कैम्प में पेनल्टी कॉर्नर
के जरिए गोल करने का बहुत अभ्यास किया। हम और भी अच्छा कर सकते थे क्योंकि
हमें सेमीफाइनल में मलेशिया के खिलाफ मौके मिले थे, जिन्हें हम भुना नहीं
पाए। स्वर्ण पदक पर कब्जा न कर पाने के कारण भारतीय हॉकी टीम की खूब आलोचना
भी हो रही है।
सुनील ने माना कि प्रशंसकों को टीम की आलोचना करने का
अधिकार है क्योंकि वे टीम को बहुत प्यार देते हैं और लंबे समय से हॉकी को
देखते आ रहे हैं। सुनील ने कहा, लोगों को हमारी आलोचना करने का अधिकार है
क्योंकि वे हॉकी से बहुत प्यार करते हैं। भारत में हॉकी बहुत लोकप्रिय है।
प्रशंसक कई वर्षों से अच्छी हॉकी देख रहे हैं और जब हम हारते हैं तो उन्हें
भी दुख होता है। वे हमारी आलोचना कर सकते हैं।
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