बाड़मेर/जयपुर। वर्ष 1947 के बाद देश के लिए शहीद हुए लोगों के परिजनों में से कम से कम एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। राजस्थान सरकार ने यह निर्णय किया है। यह बात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को बाड़मेर और शिव विधानसभा क्षेत्रों के लिए लगभग 91 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि बाड़मेर ऐसा क्षेत्र है, जहां पग-पग पर शहीदों के परिवार रहते हैं। इस भूमि पर आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में 15 अगस्त को आयोजित मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए बाड़मेर, गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर की जनता का आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने बाड़मेर में शहरी क्षेत्र की सीमा के विस्तार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाड़मेर शहर के आसपास के 11 गांव भी अब शहरी क्षेत्र में शामिल हो जाएंगे। स्थानीय लोगों की मांग पर सरकार ने ये निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा आम जनता से पूछकर उनके विकास की योजनाएं तैयार करती है और फिर उन्हें जमीन पर लाने के लिए मेहनत करती है।
राजे ने कहा कि बाड़मेर में बीते चार वर्षों में 1500 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य कराए गए हैं। बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र की 51 पंचायत मुख्यालयों में से 40 में उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित हो गए हैं तथा 40 ग्राम पंचायतों में ही ग्रामीण गौरव पथ बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विकास में राज्य सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। जिले के किसानों को कृषि आदान अनुदान के रूप में 127 करोड़ रुपए के लाभ वितरित किए गए हैं तथा किसानों के 35 करोड़ रुपए के फसली ऋण माफ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों में समान रूप से अभूतपूर्व कार्य किए हैं।
राजे ने कहा कि बाड़मेर में रिफाइनरी के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने इसके लिए जमीन, पर्यावरणीय स्वीकृति या वित्तीय संसाधनों की अनुपलब्धता जैसी कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी स्थापित करने के लिए हमने नया करार किया है, जिसमें 40 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। अब वहां जल्द ही एक ऐसा प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित होने वाला है, जिसमें पढ़कर स्थानीय युवा रिफाइनरी में नौकरी हासिल कर सकेंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो नए 7 मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए
हैं, उनमें से एक बाड़मेर में स्थापित हो रहा है। इस मेडिकल कॉलेज में ओपीडी
की सेवाएं शुरू हो गई हैं। जब इन मेडिकल कॉलेजों से पास होकर नए डॉक्टर
निकलेंगे तो प्रदेश में चिकित्सकों की कमी भी पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा
कि बाड़मेर-जैसलमेर जैसे जिले, जहां कोई शिक्षक, डॉक्टर या अन्य कर्मचारी
रहना नहीं चाहता, लेकिन राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों का इतना अधिक विकास
किया है कि आने वाले समय में लोग अपनी मर्जी से बाड़मेर आकर रहना और नौकरी
करना चाहेंगे।
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राजे ने चेतना महिला मंच बाड़मेर की
रूमा देवी को मंच पर बुलाकर उसका अभिनन्दन किया। उन्होंने बताया कि रूमा
देवी ने अपने साथ जिले की 22 हजार महिलाओं को जोड़कर एक संगठन तैयार किया है
जो स्थानीय हथकरघा कर्मियों को प्रोत्साहन दे रहा है। इस मंच की सदस्य
महिलाओं द्वारा तैयार साड़ियों और अन्य वस्त्रों की मांग राजस्थान या भारत
ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है। रूमा देवी ने मुख्यमंत्री के
प्रोत्साहन देने पर उनका आभार व्यक्त किया।
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मुख्यमंत्री
ने 16 वर्षीय राहुल चौधरी से उनके राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के
तहत हुए इलाज की जानकारी ली। राहुल ने बताया कि उसके दिल में दो छेद थे,
जिस पर उनका जयपुर स्थित सीके बिड़ला अस्पताल में 4 घंटे तक ऑपरेशन हुआ। उसे
13 दिन अस्पताल में रहना पड़ा, लेकिन उनका पूरा इलाज निशुल्क हुआ। इसी
प्रकार एक अन्य लाभार्थी कुमारी देवली के पिताजी ने बताया कि उसकी पुत्री
का दिल की बीमारी का उपचार जोधपुर के मेडीप्लस अस्पताल में निशुल्क हुआ। इस
पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान की जनता को मुफ्त इलाज
और दवाइयों की सुविधा देने के लिए 2600 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने
सुझाव दिया कि कोई भी आमजन किसी बच्चे की गंभीर बीमारी के बारे मे जिला
कलेक्टर या सरकारी डॉक्टर को जानकारी देकर उसका निशुल्क इलाज सुनिश्चित करा
सकता है। उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण की योजनाओं पर खर्च करने के लिए
राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। इस मौके पर राजे ने 29
दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल तथा 10 छात्राओं को साइकिल भेंट
की।
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इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री
राजेन्द्र राठौड़, चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, सांसद कर्नल सोनाराम,
संसदीय सचिव कैलाश वर्मा एवं भैराराम सियोल, विधायक अशोक परनामी, भवानी
सिंह राजावत, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा, राज्य जन अभाव
अभियोग एवं निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार, बाड़मेर नगर सुधार
न्यास की अध्यक्ष प्रियंका चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन
उपस्थित थे।
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