मुक्केबाज मनोज कुमार ने इसे बताया एशियाड में हार का कारण

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 01 सितम्बर 2018, 2:26 PM (IST)

नई दिल्ली। नई दिल्ली में वर्ष 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले अनुभवी भारतीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने 18वें एशियाई खेलों के प्री-क्वार्टर फाइनल में मिली हार की वजह लगातार टूर्नामेंटों में भाग लेने के कारण आराम न मिलने को बताया है। 32 साल के मनोज को पुरुषों की 69 किलोग्राम (वेल्टर वेट) स्पर्धा के प्री-क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।

किर्गिस्तान के अब्दुरखमन अब्दुरखमानोव ने मनोज को 5-0 से हराया था। मनोज ने जकार्ता से फोन पर आईएएनएस से कहा कि मैं पिछले 21 साल से बिना किसी आराम के छोटे-छोटे और बड़े से बड़े टूर्नामेंट में खेल रहा हूं। शायद इसलिए शरीर ने इस बार मेरा साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा, अगर आपको एक टूर्नामेंट में अच्छा परिणाम हासिल करना है तो एक आराम के बाद आपको इसमें हिस्सा लेना चाहिए, जैसा कि कई अन्य खिलाड़ी करते हैं।

मैं बिना किसी प्रायोजक के 21 साल से मुक्केबाजी कर रहा हूं। मनोज ने 2007 उलनबटोर में हुई एशियाई एमेच्योर मुक्केबाजी चैम्पियनशिप और 2013 में अम्मान में हुई एशियाई एमेच्योर मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2016 में गुवाहाटी में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।

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2011 में वल्र्ड एमेच्योर मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले भारतीय मुक्केबाज ने कहा, पिछले छह साल से मेरी चोट की रिकवरी नहीं हो पाई है। अब मैं 5-6 महीने आराम करूंगा और फिर टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी करूंगा। राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने के बाद मनोज ने अपनी चोटों का इलाज करवाया था और इसके बाद वह ट्रेनिंग पर लौटे थे।

उन्होंने कहा, जैसा कि आप सभी को भी पता है कि मेरी ग्रोइन की चोट थी। लेकिन ट्रेनिंग पर लौटने से पहले मैंने इसका इलाज करवाया था और फिर मैं एशियाई खेलों के लिए तैयारी में लौटा था। लेकिन मुझे लगता है कि चोट से पूरी तरह से उबरने के लिए आपको एक पर्याप्त आराम की जरुरत होती है, जो शायद मुझे नहीं मिल पाया।

यह पूछे जाने पर कि अब उनका अगला लक्ष्य क्या है, मनोज ने कहा, जैसा कि मैंने पहले ही कहा है कि मैंने अभी अपने अगले लक्ष्य के बारे में कुछ सोचा नहीं है क्योंकि अब मैं पांच-छह महीने सिर्फ आराम करूंगा और चोट से रिकवर करूंगा। इसके बाद मैं अपने कोच राजेश जी के मार्गदर्शन में ओलम्पिक की तैयारी शुरू करूंगा और टोक्यो ओलम्पिक में जीतूंगा।

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