जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए भाजपा सरकार के नोटबंदी के कदम को देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा नकारात्मक बताया है। पायलट ने यह प्रतिक्रिया नोटबंदी के 22 महीने बाद आरबीआई द्वारा आंकड़ों का खुलासा करने के बाद दी है।
पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 8 नवम्बर, 2016 को यह फैसला लिया था, उस दिन दावा किया गया था कि इससे कालेधन व नकली मुद्रा, आतंकवाद में इस्तेमाल होने वाली मुद्रा व भ्रष्टाचार पर नियंत्रण होगा, परंतु आरबीआई द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से स्पष्ट हुआ है कि ये चारों दावे खोखले साबित हुए हैं और सरकार की इस अदूरदर्शी नीति व हठधर्मिता के कारण देश की अर्थव्यवस्था को लगभग 1.5 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि उस समय जितनी मुद्रा चलन में थी उसमें से 3 से 4 लाख करोड़ रुपए कालाधन है, जो नोटबंदी के कारण बाहर आ जाएगा, परंतु 99.3 प्रतिशत पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं जो सरकार के इस दावे को गलत साबित करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर लगाम लगने के स्थान पर आतंकवादी घटनाओं में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है और जहां 2016 में 155 आतंकी घटनाएं हुई थीं, 2018 में बढ़कर 191 हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का दावा था कि नोटबंदी से डिजिटल ट्रांजेक्शन की प्रवृत्ति बढ़ेगी, परंतु इस प्रवृत्ति में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार का दावा था कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, परंतु सरकार ने खुद भ्रष्टाचार को संस्थागत किया है और देश के खजाने व जनता के पैसे को चूना लगाकर भागने वाले भगौड़ों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। जिस समय नोटबंदी की घोषणा की गई थी उस समय 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में थे, इसमें से 15.31 लाख करोड़ रुपए बैंकों में जमा हो गए हैं और मात्र 10,720 करोड़ रुपए नहीं लौटे हैं, जिसके बारे में भी यह माना जा रहा है कि यह राशि भूटान व नेपाल जैसे देशों में होने की वजह से अब तक जमा नहीं हो पाई है।
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उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण 15 करोड़ श्रमिकों की आजीविका
प्रभावित हुई है और लघु व मध्यम उद्योग पूरी तरह चौपट हो गए हैं, जो कृषि
के साथ भारत की अर्थव्यवथा की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि नोट बदलाने के दौरान
कतारों में खड़े होने से 100 से ज्यादा मौतें हुई हैं। इसके अलावा नए
नोटों की छपाई में खर्चे में पिछले वर्ष की तुलना में 133 प्रतिशत बढ़ोतरी
हुई।
पायलट ने कहा कि नोटबंदी के समय सरकार का एक
ओर दावा था कि इससे बचत की प्रवृत्ति बढ़ेगी, जबकि इसके विपरीत आम जनता
में मुद्रा के प्रति विश्वास घटने से बचत की प्रवृत्ति को आघात पहुंचा है,
जो इस बात से साबित होता है कि बैंकों में जमा राशि में 2016 से 2018 के
बीच में 15 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह भी
दावा किया था कि चलन में बड़ी करेंसी के नोट बंद हो जाएंगे, परंतु ऐसा
देखने को नहीं मिला है।
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उन्होंने कहा कि
नकली नोट पहले की तुलना में ज्यादा पाए गए हैं, जिनमें दो हजार रुपए के
नकली नोट 28 गुना ज्यादा पकड़े गए हैं, इसी क्रम में 50 के नकली नोट 154
प्रतिशत बढ़े हैं और 100 रुपए के नकली नोटों में 35 प्रतिशत का इजाफा हुआ
है और 500 रुपए के नकली नोट लगभग 55 गुना ज्यादा पकड़े गए हैं।
उन्होंने
कहा कि नोटबंदी का भाजपा सरकार का यह फैसला भारत के राजनीतिक व आर्थिक
इतिहास में काले अध्याय के रूप में अंकित हो गया है, जिसके कारण भारत की
अर्थव्यवस्था को सरकारी नीति के कारण आर्थिक आघात पहुंचा है।
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