कहते हैं पास में रहने वाले बर्तन भी आपस में टकरा जाते हैं फिर इंसान की तो क्याा बिसात? ज्योतिष के अनुसार दांपत्य जीवन को गृह क्लेश से मुक्त रखने के लिए जरूरी है पति-पत्नी की राशियों का अनुकूल होना। ऐसे में कुछ खास उपायों को कर घर में शांति पाई जा सकती है।
घर के मुख्य द्वार के पीछे स्वास्तिक लगाएं। गणेश जी का ध्यान कर उनके नित्य अगरबत्ती लगाएं। घर में पूजा का कमरा हमेशा ईशान कोण में रखें।
दक्षिण मुखी मकान है तो ग्रह स्वामी शुद्ध चांदी का कड़ा अपने दाएं हाथ में पहने परंतु यह अवश्य ध्यान रहे कि कड़ा बेजोड़ हो।
यदि
वैचारिक मतभेद और व्यर्थ की बातों से गृह क्लेश बनता है, तो जातक को बरगद
के वृक्ष पर दूध और जल 43 दिन लगातार चढ़ाना चाहिए गृह कलेश शीघ्र ही शांत
हो जाएगा।
यदि संतान की तरफ से गृह क्लेश रहता है तो जातक को घर से निकलते समय
प्रत्येक रविवार को गुड़ का सेवन करना चाहिए एवं घर लौटते समय सफेद रंग की
कोई भी मिठाई ले जाकर संतान को खिलाने से संतान की तरफ से आ रही बाधा दूर
होती है।
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जितना संभव हो ईशान कोण को साफ रखें। घर में तुलसी का वृक्ष अवश्य लगाएं। सुबह शाम वहां दीपक अवश्य जलाएं। रसोईघर और अतिथि कक्ष परस्पर जुड़े हुए नहीं होने चाहिए। यदि ऐसा होगा तो पति-पत्नी मे आपसी सूझबूझ का अभाव रहेगा।
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स्त्री जातकों को शुक्ल पक्ष के किसी भी प्रथम गुरुवार का व्रत करके केले की पूजा करनी चाहिए और गुड़ एवं चने का भोग लगाना चाहिए।
भगवान विष्णु से सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
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