संस्कृत दिवस पर राज्यपाल की शुभकामनाएं, कहा- ग्रामं ग्रामं गच्छाम, संस्कृतशिक्षां यच्छाम

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 25 अगस्त 2018, 2:31 PM (IST)

जयपुर। राज्यपाल कल्याण सिंह ने राजस्थान प्रदेश की जनता, संस्कृत अनुरागियों एवं विद्यार्थियों का आह्वान किया है कि ग्रामं ग्रामं गच्छाम, संस्कृतशिक्षां यच्छाम के समूह उद्घोष के साथ संस्कृत को जन भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने में सक्रिय भागीदारी निभायें।
उन्होंने कहा है कि संस्कृत दिवस, श्रावणी पूर्णिमा व रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर हम सभी को संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प लेना होगा। संस्कृत से जुडे लोगों को गांव-गांव में जाना चाहिए और संस्कृत षिक्षा का प्रसार करना चाहिए। सिंह ने संस्कृत दिवस पर प्रदेश्श्य को बधाइयां एवं षुभकामनाएँ दी है।
राज्यपाल सिंह ने कहा कि ‘‘सम्पूर्ण सृष्टि का विज्ञानमूलक विष्लेषण देववाणी संस्कृत में समाहित होने से यह ‘‘ब्रह्माण्ड के संविधान की भाषा‘‘ के रूप में प्रतिष्ठित है। आचार्य बोधायन, वराहमिहिर,, भास्कराचार्य, चरक, वाग्भट्ट, सुश्रुत, भौतिक विज्ञानी कणाद, विमानयंत्र प्रणेता भरद्वाज, अर्थशास्त्र प्रणेता आचार्य चाणक्य तथा नाट्यशास्त्र प्रणेता भरतमुनि विज्ञान-साहित्य के दैदीप्यमान नक्षत्र हैं। इन सभी का कृतित्व सम्पूर्ण विष्व के लिए अनुपम उपलब्धियां है।‘‘
राज्यपाल सिंह ने कहा कि ‘‘ कपिल मुनि की तपःस्थली, महाकवि माघ की कर्मभूमि, आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त जैसे वैज्ञानिक व पं. अम्बिकादत्त व्यास, पं. मधुसूदन ओझा, भट्ट मथुरानाथ शास्त्री जैसे साहित्यकारों की इस पावन मरूधरा ने प्रचुर संस्कृत साहित्य सम्पदा प्रदान की। पन्नाधाय और महाराणा प्रताप के त्याग और बलिदान भी देववाणी संस्कृत के तात्विक विचारों की ही चेतना है।
सिंह ने कहा है कि संस्कृत भाषा की संरचना अद्भुत है। यह परिपूर्ण और परिष्कृत भाषा है। व्याकरण की दृष्टि से यह भाषा कसी हुई है। कम्प्यूटर के लिए भी यह उपयुक्त भाषा है। संस्कृत में निहित मानवीय मूल्यों को अपनाया जाना चाहिए। युवाओं और बच्चों को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा है कि संस्कृत भाषा विश्व की सभी भाषाओं की जननी है। यह भारतीय संस्कृति की संवाहिका है। हमारे प्राचीन ग्रन्थ इस भाषा में लिखे गए हैं। यह भाषा वैज्ञानिक होने के साथ ही शब्द निर्माण करने का सामथ्र्य रखती है। संस्कृत भाषा एक जीवन दर्शन भी है।

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