तिरुवनंतपुरम। केरल में बारिश व बाढ़ की विभीषिका में अब तक 417 लोग जान
गंवा चुके हैं। मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों लोग राहत शिविरों से घरों को लौट रहे हैं,
फिर भी अभी 8.69 लाख लोग 2,787 राहत शिविरों में हैं।
विजयन ने
मीडिया से कहा कि 29 मई से मानसून की बारिश शुरू होने से मौतें होनी शुरू
हो गईं थीं लेकिन आठ अगस्त से 265 लोगों के मौत होने की सूचना है, जब
मूसलाधार बारिश की वजह से राज्य में भयावह बाढ़ आ गई। केरल में यह सदी की
सबसे भयावह बाढ़ है। विजयन ने कहा कि 36 लोग लापता हैं।
मुख्यमंत्री
ने बाढ़ से प्रभावित लोगों से केरल सरकार की वेबसाइट पर अपने नुकसान की
जानकारी देने का आग्रह किया है। बाढ़ की वजह से 7,000 घर पूरी तरह से नष्ट
हुए हैं और करीब 50,000 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है।
विजयन
की यह टिप्पणी अधिक संख्या में लोगों के राहत शिविरों से वापस जाने व अपना
जीवन फिर शुरू करने पर आई है। राज्य में एक समय में कुल 3,000 से ज्यादा
राहत शिविर थे।
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उन्होंने
कहा, ‘‘28 अगस्त से अलप्पुझा जिले के 13 पंचायतों में इलेक्ट्रिशियन,
प्लंबर और सांप पकडऩे वालों का एक समूह जा रहा है। वे अगले महीने के पहले
सप्ताह तक सभी घरों को साफ करेंगे और जो राहत शिविरों में हैं उन्हें घर
लाया जाएगा।’’ अलप्पुझा-चांगनाचेरी की सडक़ों को वाहनों के योग्य बनाने के लिए तेजी से काम चल रहा है।
केरल में बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में
अतिरिक्त निधि जुटाने के लिए वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने शुक्रवार को विशेष
लॉटरी की घोषणा की। इसके हर टिकट की कीमत 250 रुपये होगी। सरकार को उम्मीद
है कि इससे 100 करोड़ रुपये जुटेंगे।
--आईएएनएस
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