CBSE 2019-20 : चेंज होगा 10वीं और 12वीं का एग्जाम पैटर्न

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 23 अगस्त 2018, 09:38 AM (IST)

नई दिल्ली। सीबीएसई 2019-20 से 10वीं और 12वीं क्लास के प्रश्नपत्र में बड़ा फेरबदल करने जा रहा है। इस सिलसिले में सीबीएसई ने नई गाइडलाइन्स मंत्रालय को सौंप दी हैं। हालांकि इस प्रपोजल में अभी 3-4 महीने का और वक्त लग जाएगा, लेकिन बोर्ड ने प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीबीएसई की इस प्रक्रिया में वोकेशनल सब्जेक्ट के टेस्ट पैटर्न और रिजल्ट घोषित करने की प्रकिया पर भी फैसला लिया जाएगा।

सीबीएसई के अधिकारियों ने कहा कि नए एग्जाम पैटर्न से छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता को परखा जाएगा। इससे विषयों को रटने पर भी लगाम लगेगी। सूत्रों ने कहा कि 'बदले हुए प्रश्नपत्र प्रॉब्लम सॉल्विंग मोड के होंगे। 1 से 5 मार्क्स के छोटे प्रश्न ज़्यादा होंगे। ज़्यादा फोकस इस बात पर होगा कि छात्रों की लर्निंग प्रॉसेस और उनकी सोचने की क्षमता का आकलन किया जा सके ताकि उनका मानसिक विकास सही स्तर पर हो। कोशिश रहेगी कि छात्रों को रटकर ज़्यादा नंबर लाने की प्रक्रिया पर पाबंदी लगे।'

नई गाइडलाइन्स के मुताबिक स्कूलों के अफिलिएशन और नवीनीकरण के दौरान फोकस संस्थानों की अकैडमिक गुणवत्ता पर होगा। स्कूलों में बुनियादी ढांचे के निरीक्षण के लिए, बोर्ड मान्यता प्राप्त अधिकारियों की रिपोर्ट पर निर्भर रहेगा।


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पेपर का ऐसा होगा स्वरूप

क्वेस्चन पेपर अब प्रॉब्लम सॉल्विंग और विश्लेषणात्मक पैटर्न के होंगे।
शॉर्ट क्वेस्चन ज़्यादा होंगे,छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग अबिलिटी को टेस्ट करने पर रहेगा ज़्यादा फोकस।

एग्जाम शिड्यूल में ये बदलाव

1- वोकेशनल विषयों के एग्जाम अगले सत्र से फरवरी में होंगे, जबकि मुख्य विषयों के एग्जाम मार्च में खत्म हो जाएंगे।
2- पेपर के मूल्यांकन के लिए ज़्यादा समय मिलेगा और रिजल्ट समय से पहले घोषित किए जाएंगे।

दो भागों में हो सकती हैं बोर्ड की परीक्षाएं
10वीं और 12वीं के सभी एग्जाम्स को मार्च में खत्म कराने और उनके रिजल्ट को जल्दी घोषित करने के लिए भी सीबीएसई ने अपना खास प्लान बनाया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को दो भागों में कराएगी - वोकेशनल और नॉन-वोकेशनल। चूंकि वोकेशनल परीक्षाओं में छात्रों की संख्या कम होती है, इसलिए उन्हें फरवरी में कराया जाएगा, जबकि नॉन-वोकेशनल सब्जेक्ट्स की परीक्षाओं को मार्च में 15 दिनों के अंदर ही कराया जाएगा।' मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पेपर से संबंधित शिड्यूल के प्रपोज़ल पर अभी बातचीत जारी है और अभी तक कुछ फाइनल नहीं किया गया है।


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उपनियमों में भी बदलाव, क्वालिटी पर ज्यादा फोकस
इसके अलावा सीबीएसई अपने उपनियमों (bylaws) में भी बदलाव करने की प्लानिंग कर रहा है, इससे स्कूल के अफिलिएशन और नवीनीकरण पर प्रभाव पड़ेगा। इन उपनियमों में स्कूलों की अकैडमिक गुणवत्ता से लेकर, शिक्षकों की गुणवत्ता और अन्य चीजें शामिल होंगी। बोर्ड किसी भी स्कूल के बुनियादी ढांचे का निरीक्षण नहीं करेगा। इसके लिए वह संबंधित राज्यों के शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट पर ही निर्भर रहेगा।

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