केरल बाढ़ : विदेशी मदद लेने से इनकार कर सकती है केंद्र सरकार

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 22 अगस्त 2018, 09:26 AM (IST)

नई दिल्ली। केरल में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से मची तबाही के बाद देश ही नहीं दुनियाभर से लोग मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। अलग-अलग राज्यों के अलावा कतर, यूएई जैसे देशों ने आर्थिक मदद की पेशकश की है। इस बीच खबर है कि केंद्र सरकार मदद के प्रस्तावों को विनम्रता से इनकार कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, यह बीते 15 सालों से भारत की नीति रही है कि घरेलू आपदाओं से सरकार स्व-संसाधनों से निपटती है। इसी नीति के तहत केंद्र सरकार की ओर से केरल सरकार को भी बताया गया है कि वो विदेशों से आ रहे सहायता प्रस्तावों को विनम्रता से इनकार कर दें। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए केवल घरेलू प्रयासों पर निर्भर रहने के फैसले पर विचार किया है।

आपको बता दें कि कल ही संयुक्त अरब अमीरात (यूईए) ने केरल बाढ़ राहत अभियान के लिए करीब 700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की पेशकश की थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि अबू धाबी के वलीहद शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और सहायता की पेशकश दी।

करीब 30 लाख भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में रहते और काम करते हैं जिनमें से 80 फीसदी केरल के हैं। मालदीव की सरकार ने भी केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 35 लाख रुपये दान देने का फैसला किया है। ऐसा माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र भी केरल के लिए कुछ मदद की पेशकश दे रहा है।



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सोमवार तक मुख्यमंत्री राहत कोष में कुल योगदान 210 करोड़ रुपये आ चुका है, जबकि अतिरिक्त 160 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई जा चुकी है। केंद्र सरकार ने केरल को राहत-बचाव कार्य के लिए 600 करोड़ रुपये दी है।

बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि भारत के सहायता स्वीकार करने की संभावना नहीं है। केरल में सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ में 231 लोगों की मौत हो गई जबकि 14 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए।

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