केरल: ये हैं हमारे रखवाले, 30 हजार से अधिक लोगों का किया रेस्क्यू

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 21 अगस्त 2018, 09:31 AM (IST)

तिरुवनंतपुरम/चेंगनूर। सीमा पर दुश्मनों से हमारी रक्षा करनी हो या प्रलय-आपदा में। हमारी सेना के जवान हमेशा जन-जन के रखवाले बने रहते हैं। सेना व एनडीआरएफ की टीमों ने केरल में जल प्रलय में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचा रही हैं। पानी उतरने के बाद राहत कार्य में तेजी आई है। चेंगनूर में सेना ने बाढ़ में फंसे नवजात को रेस्क्यू किया और उसके परिवार को राहत कैंप में पहुंचाया। भारतीय नौसेना ने अलुवा में भी एक गर्भवती महिला को रेस्क्यू किया। महिला की कमर से नीचे का पूरा हिस्सा लकवाग्रस्त था। इसके बावजूद जवान महिला को बचा लाए। नौसेना भी लोगों की मदद में जुटी हुई है। यही कारण है कि लाेग यहां सैनिकों को देवदूत की संज्ञा दे रहे हैं। वे उनके रखवाले बन उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। वैसे अब केरल में हालात सामान्य हो रहे हैं। कई जगह पानी का स्तर कम होता जा रहा है। राहत व बचाव कार्य जारी है। सेना ने 30 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। केरल में बाढ़ की भयावहता देख केंद्र सरकार ने भी इसे गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया।

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फिलहाल बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं। अब तक बाढ़ में 400 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। बचाव कार्य 90% पूरा हो चुका है। अब फोकस 5,600 से ज्यादा रिलीफ कैंपों में रह रहे 10 लाख लोगों को राहत पहुंचाने और उन्हें फिर से बसाने पर है। वहीं, महाराष्ट्र से 100 डॉक्टर की टीम और पैरामेडिकल स्टाफ केरल पहुंचा है और राहत शिविरों में लोगों का इलाज किया जा रहा है। सेना के हेलिकॉप्टर भी बाढ़ पीड़ितों को बचाने में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

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हेलिकॉप्टर के जरिये अब तक हजारों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। जिन 22 जगह पर भूस्खलन हुआ है वहां सेना ने 15 से ज्यादा टेम्पररी ब्रिज बनाकर लोगों को सुरक्षित बचाया है। नौसेना ने कोच्चि एयरबेस से छोटे विमानों का परिचालन शुरू कर दिया है। केरल सड़क परिवहन की भी बसें शुरु हो गई हैं।

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