इन छोटी-छोटी बातों से बढ़ जाती है रिश्ते में कड़वाहट

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 20 अगस्त 2018, 5:16 PM (IST)

जिन्दगीभर का साथ और हर सुख दुख में साथ निभाने के वादे, लेकिन हर सम्भव व मुमकिन कोशिश के बावजूद इनके बीच छोटी-छोटी तकरारें और तू तू मैं मैं हो ही जाती है। तो आईए जानते हैं, पति-पत्नी की खट्टी-मीठी शिकायतें।
पत्नी की शिकायतें ऑफिस जाने वाले पतियों को मोजे, घडी, रूमाल जैसी चीजों के लिए भी पत्नी की मदद चाहिए।
अपने माता-पिता के आदर्श बेटे ये कहलाते हैं। पर शादी के बाद इनका फर्ज इतना रह जाता है कि पत्नी से पूछते रहें- अम्मा-बाबूजी ने खाना खा लिया! उन्हें दवा दे दी, डॉक्टर से बात कर ली, उनका चश्मा ठीक करवा दिया आदि-आदि।
ऑफिस में काम ये करें, जी हुजूरी हम बजाएं, जरा मेरी डायरी से एक नंबर देना, जरा अमुक फाइल से फलां एडे्रस देना और अगर फोन उठाने में देर हो गई, तो कहां गई थी, किसके साथ बिजी थी, जैसे हजार सवाल।


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घर आते ही पति महोदय टीवी का रिमोट हाथ में ले लेते हैं और पत्नी को भी बडे प्यार से पास बैठा लेते हैं। अब ये चैनल बदलते रहेंगे और आप इनको चेहरा देखती रहिए। जिस मिनट आपने कुछ देखना शुरू किया कि प्रोग्राम को बकवास कहकर चैनल बदल दिया जाएगा।

अपनी स्मार्टनेस को लेकर काफी गलतफहमी का शिकार रहते हैं। सोचते हैं कि पडोसी की बीवी इन पर फिदा है। भले ही तोंद बडी हो और सिर के बाल नदारद हों।

शादी से पहले सभ्य, सुसंस्कृत या शेयरिंग-कियरिंग वाल होते हैं, लेकिन शादी के बाद तो बस, पति के अधिकार ही याद रह जाते हैं। मैं, जरा ज्यादा ही बडा हो जाता है।


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बर्थडे या खास दिन भूल जाना इनकी आदत में शुमार है। यदि पत्नी ने नाराजगी जाहिर कर दी, तो मनाना तो दूर, काम का ऎसा बहाना बनाते हैं कि बेचारी पत्नी अपराधबोध से घिर जाती है।
बहाना बनाना और बेवकूफ बनाना कोई इनसे सीखे। हमारे रिश्तेदारों के आने की खबर से कब और कहां दर्द हो जाएगा अथवा कौन-सा बाहरी काम निकल आएगा।


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इनकी जासूसी और तर्क के आगे तो बडे-बडे जासूस भी गच्चा खा जाएं। कहां, किसके साथ, क्यों, कब का जवाब देते समय सावधान रहना पडता है या फिर बगलवाले शर्माजी तो समय से घर आ गए थे, आपको क्यों देर हुई, रास्ता तो एक ही है।
इनका मायका पुराण या पापा चाहते है, भैया कहते हैं सुन-सुनकर कान पक जाते हैं। यह जिन्दगी का सबसे बोरिंग अध्याय है।

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