कोलकाता। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और सीपीएम के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी का यहां सोमवार को एक निजी अस्पताल में
दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। चटर्जी (89) लंबे समय से बीमार चल रहे
थे। नर्सिग होम के सूत्रों ने यह जानकारी दी। बेलेव्यू क्लीनिक के मुख्य
कार्यकारी अधिकारी प्रदीप टंडन ने बताया, "उनका निधन सुबह 8.15 बजे हुआ।"
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनके निधन पर शोक जताया और उन्हें अपने आप में एक ‘संस्थान’ बताते हुए उनकी तारीफ की, जिनका सभी सांसद सम्मान करते थे।
चटर्जी
की हालत रविवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद गंभीर थी। उन्हें किडनी
संबंधी बीमारी भी थी और सात अगस्त को क्लीनिक में उन्हें गंभीर हालत में
भर्ती कराया गया था। दो दिनों से उन्हें वेटिंलेटर पर रखा गया था। पिछले महीने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को मस्तिष्काघात हुआ था।
आपको बता दें कि इससे
पहले 28 जून को तबीयत बिगडऩे पर कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती
कराया गया था। बाद में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। हालत में सुधार
नहीं होने पर 10 अगस्त को उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है,
जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टरों की टीम की कड़ी निगरानी में
उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
10 बार चुने गए सांसद:-
बता
दें कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी मशहूर वकील निर्मल चंद्र
चटर्जी के बेटे हैं। निर्मल चंद्र अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक भी
थे। सोमनाथ चटर्जी ने सीपीएम के साथ राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968 में की
और 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे। 1971 में वह पहली बार सांसद चुने गए
और इसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुडक़र नहीं देखे। चटर्जी 10 बार लोकसभा
सदस्य के रूप में चुने गए।
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...जब सीपीएम ने पार्टी से निकाला:-
वर्ष
2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने
तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा
अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वह
नहीं माने। इसके बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।
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...और ममता बनर्जी से हार गए चुनाव:-
राजनीतिक
करियर में एक के बाद एक जीत हासिल करनेवाले सोमनाथ चटर्जी जीवन का एक
चुनाव पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने हार गए
थे। 1984 में जादवपुर सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तब
सीपीएम के इस कद्दावर नेता को हराया था।
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