स्वतंत्र-निष्पक्ष चुनाव के लिए अपनाएं सिक्योरिटी, इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 10 अगस्त 2018, 7:00 PM (IST)

जयपुर। भारत निर्वाचन आयोग के उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने कहा कि राज्य में स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण और बेहतर तरीके से चुनाव सम्पन्न कराने की परंपरा रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में यदि इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान, सिक्योरिटी प्लान, स्वीप प्लान और वल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट प्लान बनाकर काम किया जाए तो नतीजे और भी बेहतर आएंगे।श्री सक्सेना शुक्रवार को जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर और भरतपुर संभाग के संभागीय आयुक्त, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, महानिरीक्षक पुलिस, जिला निर्वाचन अधिकारी, पुलिस आयुक्त और जिला पुलिस अधीक्षकों को विधानसभा आम चुनाव-2018 की तैयारियों एवं कानून व्यवस्था की प्रारंभिक समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उप चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक मतदाता हमारे लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए कोई भी पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान यह प्रयास किए जाएं कि कोई भी पात्र व्यक्ति मतदाता सूची में पंजीकृत होने से ना छूटे। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में कोई नाम को हटाने से पहले पंजीकरण अधिकारी गहन जांच- पड़ताल करके ही नाम हटाएं। उन्होंने दिव्यांगजनों की पैरवी करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2018 को ‘सुगम मतदान‘ वर्ष घोषित किया गया है। उन्होंने शत-प्रतिशत दिव्यांगजनों को निर्वाचन प्रक्रिया से जोड़ने और उन्हें मतदान केंद्रों पर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

ईवीएम और वीवीपैट मशीनें पूरी तरह सुरक्षित

उन्होंने कहा कि चुनाव में काम में आने वाली ईवीएम और वीवीपैट मशीनें पूरी तरह सुरक्षित हैं। आमजन में इसके प्रति जागरुकता लाने के लिए जहां भी लोगों की आवाजाही ज्यादा हो इनका प्रदर्शन करें, ताकि उनका लोकतंत्र के प्रति विश्वास और भी मजबूत हो। उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी और अधिक नवाचारों के साथ मतदान केंद्रों पर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे तो आमजन का आकर्षण भी चुनाव की तरफ बढ़ने लगेगा।
विभिन्न मुद्दों पर दिए विस्तृत निर्देश

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सक्सेना ने इस दौरान मतदाता सूची में पात्र व्यक्तियों के नाम जोड़ने, कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए कैलेंडर बनाने, ईवीएम-वीवीपैट मशीनों के बारे में प्रचार-प्रसार करने, कानून एवं व्यवस्था, पेड न्यूज की रोकथाम के लिए एमसीएमसी बनाने, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन रोकने, चुनावी खर्च पर निगरानी रखने, सभी लाइसेंसशुदा हथियारों को जमा करने, मतदाता पहचान पत्र के वितरण, संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों के बारे में जानकारी, पोस्टल बैलेट पेपर्स, ईटीबीपीएस, वेब कास्टिंग और सी-विजिल एप सहित कई विषयों पर अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की।

कैश, क्राइम और लिकर पर रखें नजर

उन्होंने अधिकारियों से चुनाव के दौरान कैश, क्राइम और लिकर पर विशेष नजर रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा किसी भी मतदाता को किसी भी तरह का प्रलोभन देकर वोट डलवाना, धमकाना या डराना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को स्पेशल प्लान बनाकर काम करने के निर्देश भी दिए।

डायनामिक एनक्रिप्टेड हैं ईवीएम-वीवीपैट

उप चुनाव आयुक्त श्री सुदीप जैन ने कहा कि ईवीएम-वीवीपैट मशीनों के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया फुल प्रूफ सिस्टम के तहत संपादित की जाती है। ईवीएम के तकनीकी पक्ष रखते हुए बताया कि आईआईटी के दक्ष प्रोफेसर्स की टीम के द्वारा इन्हें ‘सील्ड एवं साइंड‘ करते हुए मल्टीलेवल चेकिंग से इनकी सुरक्षा तय की जाती है। ईवीएम मशीनें केवल एनक्रिप्टेड ही नहीं होती, इनमें डायनामिक एनक्रिप्शन का प्रयोग करते हुए फॉर्मूला भी डायनेमिक तरीके से जनरेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम-वीवीपैट मशीनों के बारे में लोगों की शंकाओं का समाधान करने के लिए अधिकारी इनका अध्ययन करें और लोगों को जागरूक भी करें। उन्होंने प्रचार-प्रसार के विषय में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम चुनाव से पूर्व प्रत्येक मतदाता कम से कम एक बार वोट डालकर मशीन की कार्य प्रणाली को अवश्य देख ले।

चाक-चौबंद इको सिस्टम से कराएंगे निष्पक्ष चुनाव

मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री अश्विनी भगत ने कहा कि राज्य में ऐसा ‘इको सिस्टम‘ विकसित किया है जो सभी प्रकार की परिस्थितियों में चुनाव आयोग के मैंडेट के अनुसार निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से मतदान कराने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि त्रुटिहीन मतदाता सूची, मतदान केंद्रों पर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। ईवीएम-वीवीपैट मशीनों ने भी कम समय में बिना किसी व्यवधान के मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाते हुए अपनी विश्वसनीयता स्थापित की है। उन्होंने कहा कि इनका ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए ताकि किसी के मन में कोई शंका नहीं रहे।

‘एक्सपेंडीचर मॉनटरिंग‘ के तैनात होंगी वीडियो सर्विलांस टीमें

आयोग के महानिदेशक (खर्च प्रबंधन) श्री दिलीप शर्मा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के द्वारा 28 लाख रुपए की व्यय सीमा से अधिक खर्च होने पर यह माना जाएगा कि भ्रष्ट एवं अवैध तरीकों को अपनाया है। ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ नियमों के तहत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘एक्सपेंडीचर मॉनटरिंग‘ के लिए चुनावी सभाओं में वीडियो सर्विलांस टीमें तैनात रहेंगी। उनके फुटेज को भी उम्मीदवारों के खर्च में का आधार बनाया जाएगा। उन्होंने चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा कैश डिस्ट्रीब्यूशन के प्रयासों पर भी आयकर विभाग के सहयोग से लगाम कसने के निर्देश दिए।

मीडिया है आयोग का अहम सहयोगी


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आयोग के निदेशक (मीडिया) धीरेंद्र ओझा ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का सबसे अहम स्तंभ है। देश में होने वाले चुनावों को सफल बनाने में मीडिया के जरिए मिलने वाला फीडबैक खासा महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने चुनाव के दौरान पेड न्यूज पर राज्य व जिला स्तरीय एमसीएमसी सेल (मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटंरिग कमेटी) के मार्फत कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर चुनाव से जुड़ी समस्त जानकारियों को जनता के साथ रियल टाइम के आधार पर साझा करने की आवश्यकता जताई।

तकनीक से सहज होंगे चुनाव

आयोग के निदेशक (आईटी) कुशल पाठक ने आयोग द्वारा तैयार की गई आईटी एप्लीकेशंस जैसे समाधान (नेशनल ग्रीवांस सर्विसेज पोर्टल), सुविधा (ऐप्लीकेशन मैनेजमेंट सिस्टम), सुगम (व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम), इलेक्शन मॉनिटरिंग डैशबोर्ड सिस्टम, वेब कास्टिंग सिस्टम, जेनेसिस प्री काउंटिंग, काउंटिंग एंड ट्रेंड डिसेमिनेशन एप्लीकेशन, ईवीएम ट्रैकिंग सिस्टम, सी-विजिल एप और कंट्रोल टेबल मैनेजमेंट के बारे में अपने प्रस्तुतिकरण में विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान चुनाव आयोग से आए अधिकारियों ने बारी-बारी से जयपुर, भरतपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर और बीकानेर संभाग के जिलों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। इन संभाग के जिलों से आए जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षकों ने इस बारे में अपना प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और ईवीएम-वीवीपैट जागरूकता संबधी पोस्टर का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग के प्रमुख सचिव वरिंदर सिंह, सचिव पीके शर्मा अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रेखा गुप्ता, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद पारीक, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आईटी) एमएम तिवारी, हरिशंकर गोयल और सुभाष दानोदिया सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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