बच्चों की समुचित निगरानी के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 10 अगस्त 2018, 4:17 PM (IST)

जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में हुई बैठक में बिहार व उत्तर प्रदेश में बालिका गृृहों में हुई घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए प्रदेश में निगरानी व्यवस्था के लिये राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया।

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य स्तरीय कार्य दल सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश के समस्त केन्द्रों, गृृहों व धार्मिक संस्थाओं के द्वारा संचालित केन्द्रों की जांच करेगा। इनके अलावा सभी जिला कलेक्टरों के मार्गदर्शन में बाल कल्याण समिति व अन्य विभाग आवश्यक सहयोग कर 30 अगस्त 2018 तक जांच कर रिर्पोट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेंगे। जांच के दौरान संचालित केन्द्रों में रह रहे बच्चाें से व्यक्तिगत बात कर वस्तुस्थिति की रिर्पोट भी भेजेंगे। अगर किसी केन्द्र में किसी तरह की गलत जानकारी मिलती है तो तत्काल कार्यवाही अमल में लायी जावे।

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि टास्क फोर्स जन्म से 18 साल तक की आयु के बच्चों से सम्बंधित समस्त प्रकार की गतिविधियां संचालित करने वाले आश्रम, शिक्षा केन्द्र, निजि संस्था, धार्मिक संस्थाएं, गुरूकुल, डे-केयर सेन्टर, छात्रावासों की गतिविधियों एवं इनमें रह रहे बच्चों की सुरक्षा जांच तथा तत्यावश्यक आवश्यक त्वरित कार्यवाही की निर्धारित अवधि में रिर्पोट प्रस्तुत करेंगे।


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उन्हाेंने बताया कि राज्य में शिशु पालना गृृह, डे-केयर सेन्टर, निजि छात्रावास या धार्मिक संस्थाओं द्वारा संचालित आश्रम, शिक्षा केन्द्रों जिनका संचालन निजी संस्थाओं, व्यक्तियों, धार्मिक संस्थाओं के हाथों में है। उनके संचालन के लिए सरकारी स्तर पर विस्तृृत दिशा निर्देश एवं विनियम तैयार किये जायेंगे।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित करें कि बिना पंजीयन के कोई बच्चों के होम्स आदि तो नही संचालित किये जा रहे, अगर ऎसे चल रहे है तो उनके विरूद्व कार्यवाही करें।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. महान्ति ने बताया कि प्रदेश में 100 चिल्ड्रन होम्स चल रहे हे। जिनमें 4 हजार बच्चे रह रहे है। उन्हाेंने कहा कि इन चिल्ड्रन होम्स का भी जिला स्तरीय दल द्वारा बाल कल्याण समिति के सहयोग से गम्भीरता से जांच करने के निर्देश दिये गये है। उन्हाेंने कहा कि ऎसे चिल्ड्रन होम्स का डाटा बेस तैयार किया जावे।


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बैठक में विभिन्न स्तर पर होने वाले बाल श्रम गतिविधियों पर चर्चा करते हुये निर्देश दिये गये कि ऎसे बाल श्रम से बच्चों को छुड़ाने के लिये बाल कल्याण समिति के माध्यम से रजिस्टर गृृहों में पुनर्वास होने तक रखा जायेगा तथा बाल गतिविधियों पर पूरी नजर रखने के लिए जिला स्तर पर नियमित बैठके करने के निर्देश दिए।

बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा, बाल अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रुति भारद्वाज, पुलिस विभाग, विधि विभाग, श्रम विभाग, जिला बाल संरक्षण, राज्य बाल संरक्षण, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, समेकित बाल विकास विभाग एवं जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उपस्थित थे।

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