सोनिया ने कहा, मैं कभी किसी को लक्ष्य नहीं बनाती क्योंकि...

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 09 अगस्त 2018, 6:51 PM (IST)

नई दिल्ली। जकार्ता में इस महीने होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा लेने जा रही भारत की उभरती महिला मुक्केबाज सोनिया लाठर ने कहा है कि वे अपने आपको इस तरह से तैयार करना चाहती हैं कि मुक्केबाजी जगत में उनके नाम का खौफ पैदा हो सके। 18 अगस्त से इंडोनेशिया में शुरू होने वाले एशियाई खेलों के लिए जोरदार मेहनत कर रहीं सोनिया मुक्केबाजी जगत में अपने नाम को उस मुकाम पर ले जाना चाहती हैं, जहां दूसरे मुक्केबाज उनसे भिडऩे से पहले कई बार सोचें और जब रिंग पर उतरने की बारी आए तो वे हमेशा अच्छी तैयारी करके आएं।

सोनिया 57 किलोग्राम भारवर्ग में एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। वे बिना किसी दबाव के इस टूर्नामेंट में जा रही हैं। उनका ध्यान शुरू से पदक पर नहीं हैं। सोनिया कहती हैं कि वे अपने पहले एशियाई खेलों में मैच दर मैच आगे बढऩे पर ध्यान दे रही हैं। सोनिया ने आईएएनएस से फोन पर विशेष बातचीत में कहा कि वे किसी खिलाड़ी को ध्यान में रखकर तैयारी नहीं करतीं बल्कि उनका ध्यान अपने आपको इतना मजबूत करने पर होता है कि दूसरे खिलाड़ी उनके बारे में सोचें।

आत्मविश्वास से भरी सोनिया ने कहा, मैं किसी खिलाड़ी विशेष को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी नहीं करती हूं। मेरी कोशिश होती है कि मैं अपने आपको इस तरह से तैयार करूं कि दूसरे मेरे बारे में सोचें कि मेरे खिलाफ उन्हें कैसे खेलना है। मैं कभी किसी को लक्ष्य नहीं बनाती क्योंकि सामने वाला विपक्षी बदल सकता है क्योंकि ड्रॉ किसी को पता नहीं होता इसलिए मैं अपने आप पर ध्यान देती और खुद को मजूबत करके जाती हूं। एशियाई खेलों की तैयारियों के बारे में सोनिया ने कहा, तैयारियां अच्छी चल रही हैं।

मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं है क्योंकि मैं टूर्नामेंट में खुलकर खेलती हूं। पदक के बारे में नहीं सोचती। पदक के बारे में सोचते हो तो आप कहीं न कहीं रुक से जाते हो कि कांस्य, रजत और स्वर्ण से आगे कुछ नहीं होगा, लेकिन इससे पहले हमें काफी कुछ चीजें पार करनी होती है। मेरी कोशिश पदक दौर में पहुंचने से पहले होने वाले मैचों में अपने सर्वश्रेष्ठ देने की होती है। मैं जो मैच खेल रही होती हैं उसी पर पूरी तरह से ध्यान देती हूं। सोनिया इसी साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं खेल पाई थीं।

सोनिया के मुताबिक उनका नाम यह कहकर हटा दिया गया था कि वे अच्छी फॉर्म में नहीं हैं। इसे लेकर सोनिया को काफी निराशा हुई थी। बकौल सोनिया, कुछ राजनीति कह लो। कुछ कोच की वजह से कह लो। नए कोच आए हैं वे एक्सपोजर दे रहे हैं। हम लोगों को लक्ष्य दिया गया था कि राष्ट्रमंडल खेलों में वो खेलेगा जो नेशनल चैम्पियन बनेगा। इसके बाद इंडिया ओपन में उतारा, लेकिन इस दौरान हमें बताया नहीं गया कि हमें परखा जा रहा है।

इंडिया ओपन में इंडोनेशिया की लडक़ी से मैं हार गई। तब मुझे कहा गया कि सोनिया अभी अच्छी फॉर्म में नहीं है। वहीं 69 भारवर्ग में भी इन्हें किसी को उतारना था तो इन्होंने मुझे 57 किलोग्राम से हटा दिया। सोनिया हालांकि 57 किलोग्राम भारवर्ग में राष्ट्रीय चैम्पियन हैं। वे राष्ट्रमंडल खेलों में मौका न मिलने से निराश हैं लेकिन उनके दिल में इस बात को लेकर किसी तरह की खुन्नस नहीं है।

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वे कहती हैं कि आगे जाने के लिए बीती बातों को भुलाना पड़ता है। एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वालीं सोनिया ने कहा, मेरे अंदर किसी तरह की खुन्नस नहीं है। इससे मैं अपना ही नुकसान करूंगी। यह सोच रही तो एक कदम भी आगे नहीं जाऊंगी। मैं सोचती हूं कि जो मौका मिल रहा उसमें बेहतर करें। इस बार मुझे मौका मिला है तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ खेलूंगी। सोनिया कहती हैं कि वे अपनी तैयारी को लेकर किसी कोच पर भी निर्भर नहीं रहती और खुद रणनीति बनाती हैं।

उन्होंने कहा कि लगातार कोच बदलते रहने से उनका तालमेल प्रशिक्षकों के साथ ठीक से बैठ नहीं पाता और इसी वजह से वे खुद पर भरोसा रखते हुए आगे बढ़ती हैं। हरियाणा की इस मुक्केबाज ने कहा, नए कोच (राफेल) आए हैं, लेकिन एक नए कोच के साथ तालमेल बिठाना आसान नहीं होता है। नए कोच के साथ मेरा तालमेल अभी उतना अच्छा नहीं है, क्योंकि कोच यहां बदलते रहते हैं। नए कोच को छह महीने हुए हैं। इसलिए मैं किसी पर निर्भर नहीं रहती हूं और खुद ही अपनी रणनीति बनाती हूं।

कई बार होता है कि कुछ समझ नहीं आता है तो कोच बताते हैं तो मैं मानती हूं, लेकिन अभी कोच आते-जाते रहते हैं इसलिए खुद पर निर्भर रहना जरूरी है। विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक अपने नाम करने वाली सोनिया कहती हैं कि वे उन्हें मुक्केबाजी सिखाने वाले कोच जसवंत सिंह से भी ज्यादा बात नहीं करती हैं क्योंकि जसवंत इस समय भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के मुंबई केंद्र में हैं। उन्होंने कहा, मेरे कोच साई मुंबई में हैं। मैं उनसे भी ज्यादा बात नहीं करती हूं क्योंकि यहां जो रहा है वो मुझे पता है, उन्हें नहीं पता। इसलिए मैं खुद तैयारी करती हूं।