सीएजी ने जताई आपत्ति, तेल कम्पनियों ने पटेल की प्रतिमा पर रुपए गलत खर्च किए

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 09 अगस्त 2018, 6:34 PM (IST)

नई दिल्ली। सीएजी ने सरकारी तेल कम्पनियों पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर करोड़ों रूपए खर्च करने पर सवालिया निशान लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि ओएनजीसी, ऑयल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल ने यह रकम अपने कॉरपोरेट सोशल रेसपॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत खर्च किए हैें।

सीएसआर नियमों के मामले में कंपनी किसी राष्ट्रीय धरोहर को बचाने के लिए सीएसआर कोष का उपयोग नहीं कर सकती है और सरदार पटेल की निर्माणाधीन प्रतिमा राष्ट्रीय धरोहर में भी नहीं आती है। यह प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से प्रस्तावित की जा रही है। इस प्रतिमा के निर्माण के लिए एक एड फिल्म से यह बात फैलाई गई है कि इसके निर्माण में काम आने वाला लोहा देश के हर स्थान से आ रहा है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की वेबसाइट पर यह दावा जताया जा रहा है कि पूरे देश के किसानों से अब तक 1 लाख 69 हजार लोहे के उपकरण एकत्रित कर लिए गए हैं। किसानों ने अपने पुराने उपकरण फावड़ा, कुदाल, हल आदि को गुजरात पहुंचा रहे हैं।

सीएजी रिपोर्ट के अनुसार ओएनजीसी ने 50 करोड़ रुपए, इंडियन ऑयल ने 21.83 करोड़ रुपए, बीपीसीएल, एचपीसीएल और ओआईएल ने 25 करोड़ रुपए वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान इस प्रतिमा पर अपने सीएसआर फंड से सहयोग किया है। जो नियम विरूद्ध है।

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